फास्टैग को लेकर शुरूआत में दो बैंकें ही कार्ड उपलब्ध करवा रही थी। अब फास्टैग को लेकर सख्ती बढी तो सभी बैंकें फास्टैग कार्ड उपलब्ध करवा रही हैं। इसके पीछे वजह भी है कि इससे बैंकों का ट्रांजेक्शन बढेगा। इधर, कुछ ही दिनों में आइएचएमसीएल भी उच्च क्वालिटी का फास्टैग कार्ड सभी टोल पर उपलब्ध कराने की कवायद में लगी है।
अब तक फोरलेन पर दौडऩे वाले वाहनों में फास्टैग 60 फीसदी वाहनों में ही लगे थे। 40 फीसदी वाहन बगैर फास्टैग के सरपट दौड़ रहे थे। फास्टैग की सख्ती व नई व्यवस्था आदेश के बाद वाहन चालकों में जागरूकता आई। वर्तमान में ब्यावर पिंडवाड़ा फोरलेन पर 70 फीसदी वाहनों पर फास्टैग लगे हैं जबकि 30 फीसदी वाहन बगैर फास्टैग के हैं।
देश के सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग रिसीव करने का काम सेंट्रल सर्वर का है। जो प्रत्येक दस मिनट में अपडेट होता रहता है। यह सर्वर जब डाउन होता है तब टोल पर वाहनों के पहिए थम जाते हैं। हालांकि सर्वर को लेकर जिम्मेदार सजग है। जिससे कभी ये प्रॉब्लम भी आती है तो उसे चंद मिनटों में सुचारू कर दिया जाता है।
भारी वाहनों पर भी फास्टैग तेजी से लगाए जा रहे हैं। ट्रांसपोर्ट व्यवसायी अपने ट्रकों, टैंकर, ट्रोले सहित अन्य वाहनों पर फास्टैग लगा उसे अपने फर्म के बैंक खाते से अटैच कर रहे हैं। जिससे वाहन टोल क्रॉस करते ही बैंक से राशि निकलने का मैसेज वाहन मालिक के मोबाइल पर आ जाता है। इस मैसेज में विस्तृत जानकारी भी आ रही है। जिससे वाहन मालिक को अपने वाहन की लोकेशन की जानकारी इसी मैसेज के जरिए मिल जाती है।
देश के सभी टोल प्लाजा पर 15 दिसंबर से नई व्यवस्था लागू हो जाएगी। कैशलेन एक ही रहेगी जबकि फास्टैग की चार लाइन रहेगी। बगैर फास्टैग के फास्टैग लेन में प्रवेश करने वाले वाहन चालक से दो गुना टोल वसूला जाएगा। फास्टैग में बेलंस नहीं होने पर फास्टैग कार्ड ब्लेकलिस्टेड हो जाएगा। जिसे बेलंस डालते ही अपडेट करना पड़ेगा। फास्टैग लेन में बगैर बेलंस के वाहन प्रवेश पर दो गुना टोल नहीं लिया जाएगा। ऐसे वाहन को केश राशि लेकर जाने दिया जाएगा।