बाली राजकीय रेफरल चिकित्सालय में आदिवासी क्षेत्र, ग्रामीण क्षेत्र व आसपास के शहरी क्षेत्र से बच्चों को लेकर परिजन पहुंच रहे हैं। यहां चिकित्सालय में भर्ती मरीजों में कुछ संदिग्ध डेंगू से ग्रसित हैं। वायरल बुखार व मौसमी बीमारी से पीडि़त बच्चे उपचार के लिए भर्ती किए गए। रविवार को ओपीडी में करीब 50 से अधिक बीमार बच्चों को लेकर परिजन अस्पताल पहुंचे। अस्पताल में हालात ये हैं कि वार्ड फुल हो गए हैं। चिकित्सालय में कुछ बच्चों को संदिग्ध डेंगू पॉजिटिव मानकर उनका उपचार किया जा रहा है।
अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं
बाली के राजकीय रेफरल चिकित्सालय को उप जिला स्तरीय अस्पताल का दर्जा मिला हुआ है, लेकिन यहां पर मरीजों के रक्त जांच तक की व्यवस्था नहीं है। आदिवासी क्षेत्र का बहुत बड़ा हिस्सा इस अस्पताल पर निर्भर है। जांच की सुविधा नहीं होने से अभिभावकों को सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। शिशु रोग विशेषज्ञ का कहना है कि डेंगू बुखार की जांच हायर सेंटर पर की जा सकती है। यहां पर जांच की कोई भी व्यवस्था नहीं है। चिकित्सालय में सोनोग्राफी, लैबोरेट्री टेस्टिंग की सुविधा नहीं है।
बाली के राजकीय रेफरल चिकित्सालय को उप जिला स्तरीय अस्पताल का दर्जा मिला हुआ है, लेकिन यहां पर मरीजों के रक्त जांच तक की व्यवस्था नहीं है। आदिवासी क्षेत्र का बहुत बड़ा हिस्सा इस अस्पताल पर निर्भर है। जांच की सुविधा नहीं होने से अभिभावकों को सही जानकारी नहीं मिल पा रही है। शिशु रोग विशेषज्ञ का कहना है कि डेंगू बुखार की जांच हायर सेंटर पर की जा सकती है। यहां पर जांच की कोई भी व्यवस्था नहीं है। चिकित्सालय में सोनोग्राफी, लैबोरेट्री टेस्टिंग की सुविधा नहीं है।
इनका कहना है
चिकित्सालय में करीब 30 बच्चे भर्ती हैं। अधिकतर वायरल बीमारी से पीडि़त हैं। कुछ संदिग्ध डेंगू से ग्रसित बच्चे भी हैं। जिनका उपचार किया जा रहा है। डेंगू की पुष्टि नहीं होने तक उन्हें डेंगू मरीज नहीं माना जा सकता। ज्यादातर बच्चे मौसमी बीमारियों से पीडि़त हैं, जिनका उपचार जारी है। –डॉ. सुरेशकुमार नेण, शिशु रोग विशेषज्ञ, राजकीय चिकित्सालय, बाली
चिकित्सालय में करीब 30 बच्चे भर्ती हैं। अधिकतर वायरल बीमारी से पीडि़त हैं। कुछ संदिग्ध डेंगू से ग्रसित बच्चे भी हैं। जिनका उपचार किया जा रहा है। डेंगू की पुष्टि नहीं होने तक उन्हें डेंगू मरीज नहीं माना जा सकता। ज्यादातर बच्चे मौसमी बीमारियों से पीडि़त हैं, जिनका उपचार जारी है। –डॉ. सुरेशकुमार नेण, शिशु रोग विशेषज्ञ, राजकीय चिकित्सालय, बाली
जांच की सुविधा नहीं है
चिकित्सालय में रक्त जांच सहित अन्य जांचों की कोई सुविधा नहीं है। मेरे बच्चे के भी डेंगू हुआ है। अधिकतर अभिभावक बच्चों को डेंगू पीडि़त मान रहे हैं लेकिन जांच की व्यवस्था नहीं होने से उसकी पुष्टि के अभाव में समय पर डेंगू का इलाज नहीं मिल पा रहा है। –नरेंद्रसिंह चौहान, उपाध्यक्ष, नगरपालिका, बाली
चिकित्सालय में रक्त जांच सहित अन्य जांचों की कोई सुविधा नहीं है। मेरे बच्चे के भी डेंगू हुआ है। अधिकतर अभिभावक बच्चों को डेंगू पीडि़त मान रहे हैं लेकिन जांच की व्यवस्था नहीं होने से उसकी पुष्टि के अभाव में समय पर डेंगू का इलाज नहीं मिल पा रहा है। –नरेंद्रसिंह चौहान, उपाध्यक्ष, नगरपालिका, बाली