आइसीसीयू वार्ड में गत वर्ष 1300 मरीज भर्ती हुए। इनमें से 358 मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद रेफर किया गया था। इसके साथ ही 75 मरीजों की उपचार के बाद भी इस वार्ड में मौत हो गई।
आइसीसीयू वार्ड में वर्तमान में ना तो पर्याप्त स्टाफ है और ना ही चिकित्सक। इसके साथ ही इस वार्ड में लगे वेंटिलेटर को संचालित करने वाले प्रशिक्षित चिकित्सक तक नहीं है। इसके चलते प्राथमिक उपचार के बाद अधिकतर मरीजों को रेफर ही किया जाता है।
जनवरी 096 28 03
फरवरी 091 20 03
मार्च 097 25 04
अप्रेल 114 35 07
मई 113 34 06
जून 124 30 06
जुलाई 096 36 03
अगस्त 136 37 08
सितम्बर 125 31 10
अक्टूबर 095 24 06
नवम्बर 099 26 03
दिसम्बर 114 32 06
हाल ही में जयपुर में हुई बैठक में भी अस्पताल को और बेहतर किस तरह बनाया जा सके। इसको लेकर चर्चा की तथा आइसीसीयू वार्ड में चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ की कमी की ओर भी ध्यान दिलवाया। इससे कि इस वार्ड को भी और बेहतर किया जा सके। – राजेन्द्रपाल अरोड़ा, पीएमओ, बांगड़ अस्पताल, पाली