गौरतलब है की दो भाइयों का 6 सदस्यों का परिवार 5 मई को नाना से रवाना हुए थे। जो मध्यप्रदेश में आयोजित विश्वकर्मा मंदिर प्रतिष्ठा महोत्सव सहित विभिन्न धार्मिक स्थलों के दर्शन कर बुधवार सुबह 3 बजे छट्टे दिन आबूरोड पहुंचे। जहां तेज गति से आए कंटनेर हादसे में नाना के एक ही परिवार के 4 लोगों की मौत हो गई थी तथा 2 जने गंभीर घायल हो गए थे। जिनका उपचार जारी है।
हादसे में बाली तहसील के नाना गांव निवासी बाबूलाल पुत्र रघुनाथ सुथार उम्र 72 साल, मंछीदेवी पत्नी बाबूलाल सुथार उम्र 65 साल, गोविन्दराम पुत्र रघुनाथ सुथार उम्र 52 साल व दुर्गा पत्नी जगदीश सुथार उम्र 40 साल (बाली) की मौत हो गई। जबकि तानिष सुथार पुत्र जगदीश सुथार उम्र 9 साल व पुष्पा पत्नी गोविन्द सुथार उम्र 50 साल घायल हो गए। जिनका उपचार जारी है।
गमगीन माहौल में अंतिम सस्कार
दो भाइयों के परिवार में इतना सामंजस्य और प्रेम था की इस परिवार के बेटों के साथ बेटियां प्रियंका और दक्षा सुथार अपने पिताजी, ताउजी और मम्मी, चाची के शवो को कन्धा देते हुए विलाप करती नजर आई। जिनको बड़ी मुस्किल स्थानीय लोगों ने संबल दिया। इतना ही नहीं इन दोनों बच्चियों ने भाइयों के साथ मिल शवों को अग्नि भी दी।
दो भाइयों के परिवार में इतना सामंजस्य और प्रेम था की इस परिवार के बेटों के साथ बेटियां प्रियंका और दक्षा सुथार अपने पिताजी, ताउजी और मम्मी, चाची के शवो को कन्धा देते हुए विलाप करती नजर आई। जिनको बड़ी मुस्किल स्थानीय लोगों ने संबल दिया। इतना ही नहीं इन दोनों बच्चियों ने भाइयों के साथ मिल शवों को अग्नि भी दी।
दम्पती को एक साथ अर्थी पर सुलाया
बाबूलाल पुत्र रघुनाथ सुथार, मनसी देवी पत्नी बाबूलाल सुथार के शव को एक ही अर्थी पर सुलाकर अग्नि को समर्पित किया गया। इस दौरान परिजन रिश्तेदार और बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने मौजूद रहकर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धाजंलि दी।
बाबूलाल पुत्र रघुनाथ सुथार, मनसी देवी पत्नी बाबूलाल सुथार के शव को एक ही अर्थी पर सुलाकर अग्नि को समर्पित किया गया। इस दौरान परिजन रिश्तेदार और बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने मौजूद रहकर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धाजंलि दी।