VIDEO : गणेश चतुर्थी 2020 : श्रद्धालु पर पाबंदी, इन्द्र ने किया गणनायक को नमन
-गणेश चतुर्थी पर श्रद्धालुओं ने गणपति का किया पूजन
-सिद्धपीठ गजानन मंदिर में सुबह पहुंचे श्रद्धालु, एसडीएम ने पहुंचकर दरवाजा करवाया बंद
पाली। प्रथम पूज्य गणपति के जन्मोत्सव पर कोरोना के कहर के कारण श्रद्धालु तो उनके दरबार में नहीं जा सके तो इन्द्र देव आसमान से पहुंच गए। इन्द्र ने दोपहर 12 बजे बाद पांच-सात मिनट तक तेज पानी बरसाकर शिव पुत्र को नमन कर उनका अभिषेक किया। श्रद्धालुओं ने घरों में वक्रतुण्ड का पूजन कर कोरोना को जल्द से जल्द समाप्त करने की प्रार्थना की।
गणेश चतुर्थी को लेकर सुबह से ही श्रद्धालुओं में उत्साह रहा। श्रद्धालुओं को कोरोना के कारण मंदिर बंद होने की जानकारी के बावजूद वे मंगला आरती के समय ही विघ्नहर्ता के दर्शन व पूजन के लिए पहुंचे। मंदिरों में पुजारी के मना करने के बावजूद गजानन का पूजन किया और मोदक का भोग चढ़ाया। नागा बाबा बगेची स्थित सिद्ध पीठ वल्लाल गणेश मंदिर में सुबह काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे और पार्वतीनंदन को नमन किया। वहां महंत सुरेश गिरी की निश्रा में दादा का अभिषेक कर दोपहर में ध्वजारोहण किया गया। समाधियों का पूजन किया गया। मंदिर में पहुंचे एसडीएम ने मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को रोका।
मंदिर के बाहर से नवाया शीश
मंदिरों के बाहर पुलिसकर्मी तैनात करने के बावजूद गणपति को शीश नवाने के लिए श्रद्धालुओं का आगमन पूरे दिन जारी रहा। नागा बाबा बगेची सहित पानी दरवाजा गणेश मंडप आदि में लोगों ने बाहर से हाथ जोडकऱ प्रार्थना की। शहर के मोतीचौक, बादशाह का झण्डा, फतेहपुरिया बाजार के बाहर, कथा व्यासजी की गली के साथ अन्य मंदिरों में भी श्रद्धालुओं ने गजानन का पूजन व अभिषेक किया।
प्रसाद लेने उमड़े शहरवासी
पर्युषण का अकता होने के कारण शहर में मिष्ठान की अधिकांश दुकानें बंद थी। इस कारण गजानन को भोग चढ़ाने के लिए अग्रवाल, पुष्करणा, माहेश्वरी आदि समाजों के साथ विभिन्न संस्थाओं संगठनों की ओर से लड्डू तैयार करवाए गए। ये खरीदने के लिए सुबह से दोपहर तक रामनगर, सिंधी कॉलोनी, व्यंक्टेश मार्ग स्थित भवनों व मंदिरों में लोगों की भीड़ लगी रही। कई संस्थाओं को तो लड्डू खत्म होने नए बनवाने पड़े।
प्रतिमाओं की नहीं हुई स्थापना
गणेश चतुर्थी पर दस दिन के लिए गली-गली गजानन को विराजमान कर पूजन किया जाता है। इस बार कोरोना के कारण ऐसा नहीं किया गया। नागा बाबा बगेची में चल प्रतिमा स्थापित नहीं की गई। धानमंडी में भी गणनायक को विराजमान नहीं किया गया। हालांकि श्रद्धालु शहर में विभिन्न स्थानों पर सजी गणपति की प्रतिमाएं ले गए और घरों में स्थापित किया। घर में श्रद्धालु अन्नत चतुर्दशी तक पूजन करेंगे और इसके बाद विसर्जन।
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