लाखोटिया तालाब के आसपास बने घरों व भवनों का गंदा पानी आज भी तालाब में जा रहा है। इससे पहले भी पत्रिका ने समाचार प्रकाशित कर जिला प्रशासन व नगर परिषद का ध्यान आकर्षित किया। तब स्थाई समाधान के लिए जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों ने हालात भी देखे थे। लेनिक, तस्वीर आज भी नहीं बदल पाई है।
लाखोटिया उद्यान व तालाब के आसपास पसरी गंदगी यहां की सुंदरता पर दाग के माफिक है। लगातार दावों के बाद भी नगर परिषद इसमें सुधार नहीं कर पाई है। आज भी यहां सिरेघाट तालाब, बिहारी घाट, आर्यवीर दल के सामने, गांधी मूर्ति भाग वाले तालाब के आसपास व उद्यान में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं।
लाखोटिया तालाब व उद्यान बदत्तर हाल में है। आर्यवीर दल के सामने व गांधी मूर्ति वाले तालाब के भाग में कचरे के ढेर लगे है। लोगों ने यहां पूजा सामग्री के साथ गंदगी डाल रखी है। रंगमंच के पास भी कचरे के ढेर हैं।
12 दिसम्बर 2016 को राजस्थान पत्रिका ने लाखोटिया को संवारने के लिए शहरवासियों के साथ अभियान चलाया था। तब शहरवासियों ने श्रमवीर बनकर दो माह तक श्रमदान किया। इस दौरान तालाब के आसपास उगी झाडिय़ां काटी थी तो तालाब के अंदर बिखरी पड़ी गंदगी को बाहर निकालकर उद्यान को संवारकर तस्वीर बदल दी थी।
लाखोटिया तालाब की दशा सुधारने के लिए नगर परिषद को प्लान तैयार करना चाहिए। ताकि शहर का लाखोटिया उद्यान व तालाब सुंदर बन सके। –कुंदनमल सोनी, शहरवासी पर्यटन स्थल के रूप में हो विकसित
लाखोटिया उद्यान व तालाब को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की जरूरत है। नगर परिषद को इस पर कोई प्लान बनाकर स्थाई कर्मचारियों की नियुक्ति करनी चाहिए। –किशोर सोमनानी, पूर्व पार्षद
लाखोटिया की दशा सुधारने के लिए पत्रिका की ओर से दो बार श्रमदान अभियान चलाया गया। इसमें शहरवासियों के साथ हम लोगों ने श्रमदान कर यहां की तस्वीर बदली थी। लेकिन, अब नगर परिषद को प्लान बनाकर इसे विकसित करना चाहिए। –बाबूलाल बोराणा, शहरवासी