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बांध भरते ही एक क्लिक से खुलेंगे गेट, जवाई होगा कम्प्यूटराइज्ड, पढ़ें पूरी खबर…

- वर्ल्ड बैंक की सहायता से करीब सवा दो करोड़ रुपए होंगे खर्च- प्रदेश का तीसरा बांध, जो कम्प्यूटराइज्ड होगा

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पाली

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Suresh Hemnani

Jun 01, 2020

बांध भरते ही एक क्लिक से खुलेंगे गेट, जवाई होगा कम्प्यूटराइज्ड, पढ़ें पूरी खबर...

बांध भरते ही एक क्लिक से खुलेंगे गेट, जवाई होगा कम्प्यूटराइज्ड, पढ़ें पूरी खबर...

-राजेन्द्रसिंह दूदौड़
पाली। पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा जवाई बांध [ Jawai Dam ] जल्द ही कम्प्यूटराइज्ड होगा। वह दिन दूर नहीं, जब बांध भरते ही एक क्लिक में बांध के सारे गेट खुल सकेंगे। साथ ही पानी की निकासी की प्रक्रिया भी ऑनलाइन होगी। बांध को कम्प्यूटराइज्ड करने के लिए स्काडा सिस्टम के तहत पुराने कन्ट्रोल रूम को ही मॉडिफाइड किया जाएगा। वर्ल्ड बैंक की सहायता से इस प्रक्रिया में करीब सवा दो करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

दरअसल, पहले बांध के पुराने कन्ट्रोल रूम से बटन दबाकर गेट खोले व बंद किए जाते थे। इससे कई बार तकनीकी खराबी आने के कारण अलग-अलग गेट खोलने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। बटन सिस्टम से बांध के प्रत्येक 13 गेटों पर व्यक्ति को जाकर गेट खोलने पड़ते थे।

नहीं होगा सिस्टम हैक
बांध पर स्कॉडा सिस्टम शुरू होने के बाद पूरे सिस्टम को एनआइसी (नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेन्टर) भारत सरकार की राजकीय वेबसाइट सॉफ्वेयर की जांच करेगी। साथ ही एनआइसी सिस्टम को पूरी तरह सुरक्षित माने जाने के बाद प्रमाणित करेगी। इसके बाद ही सिस्टम चालू होगा। इससे बांध के कम्प्यूटराइज सिस्टम को कोई हैक नहीं कर सकेगा। इसी के साथ सारे सिस्टम को शुरू करने से पहले बांध पर डबल लोकिंग सिस्टम होगा। इससे परियोजना की हरी झंडी मिलने के बाद ही गेट खोले व बंद किए जा सकेंगे।

प्रदेश का तीसरा बांध होगा कम्प्यूटराइज
राज्य में पूरी तरह से कम्प्यूटराइज होने वाला बीसलपुर बांध पहला बांध है, वहीं दूसरे स्थान पर बांसवाड़ा जिले का माही बांध है। अब जवाई बांध प्रदेश का तीसरा ऐसा हाइटेक बांध होगा।

फैक्ट फाइल
-1957 में बांध का निर्माण
-61.25 फीट - जवाई बांध की क्षमता
-7327.50 फीट - पानी का भराव
-06 कर्मचारी बांध पर तैनात

जल्द शुरू होगा काम
जवाईबांध पूरी तरह से कम्प्यूटराइज्ड होगा। इस प्रक्रिया के लिए वल्र्ड बैंक की सहायता से करीब सवा दो करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके साथ ही राष्ट्रीय हाइड्रोलॉजी परियोजना के तहत एडब्ल्यूएलआर सिस्टम लगाया जा रहा है। इससे बांध का गेज लेने में भी आसानी रहेगी। -चन्द्रवीरसिंह, अधिशासी अभियंता, जवाई बांध सुमेरपुर