बांध पर स्कॉडा सिस्टम शुरू होने के बाद पूरे सिस्टम को एनआइसी (नेशनल इन्फॉर्मेटिक सेन्टर) भारत सरकार की राजकीय वेबसाइट सॉफ्वेयर की जांच करेगी। साथ ही एनआइसी सिस्टम को पूरी तरह सुरक्षित माने जाने के बाद प्रमाणित करेगी। इसके बाद ही सिस्टम चालू होगा। इससे बांध के कम्प्यूटराइज सिस्टम को कोई हैक नहीं कर सकेगा। इसी के साथ सारे सिस्टम को शुरू करने से पहले बांध पर डबल लोकिंग सिस्टम होगा। इससे परियोजना की हरी झंडी मिलने के बाद ही गेट खोले व बंद किए जा सकेंगे।
राज्य में पूरी तरह से कम्प्यूटराइज होने वाला बीसलपुर बांध पहला बांध है, वहीं दूसरे स्थान पर बांसवाड़ा जिले का माही बांध है। अब जवाई बांध प्रदेश का तीसरा ऐसा हाइटेक बांध होगा।
-1957 में बांध का निर्माण
-61.25 फीट – जवाई बांध की क्षमता
-7327.50 फीट – पानी का भराव
-06 कर्मचारी बांध पर तैनात जल्द शुरू होगा काम
जवाईबांध पूरी तरह से कम्प्यूटराइज्ड होगा। इस प्रक्रिया के लिए वल्र्ड बैंक की सहायता से करीब सवा दो करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके साथ ही राष्ट्रीय हाइड्रोलॉजी परियोजना के तहत एडब्ल्यूएलआर सिस्टम लगाया जा रहा है। इससे बांध का गेज लेने में भी आसानी रहेगी। –चन्द्रवीरसिंह, अधिशासी अभियंता, जवाई बांध सुमेरपुर