यह रहा प्रसंग
रामलीला में कथा व्यास अनुज द्विवेदी ने प्रसंग सुनाते हुए बताया कि पत्नी द्वारा लाख समझाने के बावजूद अभिमानी बाली सुग्रीव के साथ युद्ध करने चला गया। बाली की ताकत से परिचित सुग्रीव ने राम से कहा कि मैं बाली के साथ युद्ध नहीं कर सकता। बाली अति बलशाली है। भगवान श्रीराम ने सुग्रीव के गले में हार पहनाकर युद्ध के लिए भेज दिया। इसके बाद राम ने बाली को छुपकर बाण चलाकर वध कर दिया। सीता की खोज में राम, लक्ष्मण और हनुमान सेना सहित निकले। हनुमान ने लंका की वाटिका में पहुंचकर सीता से मुलाकात की और इसके बाद अक्षय कुमार का वध कर लंका को जला दिया। रामलीला महोत्सव में कलाकार सत्यनारायण, आलोक, बुद्धनाथ, शिवलाल तिवारी, महेश कुमार, अखिलेश पांडे, सूर्यपाल तिवारी, सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी, पिंटु दुबे आदि ने प्रस्तुतियां दी।
रामलीला में कथा व्यास अनुज द्विवेदी ने प्रसंग सुनाते हुए बताया कि पत्नी द्वारा लाख समझाने के बावजूद अभिमानी बाली सुग्रीव के साथ युद्ध करने चला गया। बाली की ताकत से परिचित सुग्रीव ने राम से कहा कि मैं बाली के साथ युद्ध नहीं कर सकता। बाली अति बलशाली है। भगवान श्रीराम ने सुग्रीव के गले में हार पहनाकर युद्ध के लिए भेज दिया। इसके बाद राम ने बाली को छुपकर बाण चलाकर वध कर दिया। सीता की खोज में राम, लक्ष्मण और हनुमान सेना सहित निकले। हनुमान ने लंका की वाटिका में पहुंचकर सीता से मुलाकात की और इसके बाद अक्षय कुमार का वध कर लंका को जला दिया। रामलीला महोत्सव में कलाकार सत्यनारायण, आलोक, बुद्धनाथ, शिवलाल तिवारी, महेश कुमार, अखिलेश पांडे, सूर्यपाल तिवारी, सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी, पिंटु दुबे आदि ने प्रस्तुतियां दी।
इस मौके अरविंद द्विवेदी, हरिनारायण पाराशर, मदन पंवार, मोहनसिंह, ओमप्रकाश, सुरेश पंवार, पं विजयप्रकाश श्रीमाली, मंगलाराम राठौड़, सुरेश राठौड़, गजेन्द्र गहलोत, पारसपुरी, छगनलाल वैष्णव आदि मौजूद रहे।