वेक्सीनेशन कार्यक्रम के दौरान अनिता की ड्यूटी मारवाड़ जंक्शन स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में वेक्सीनेशन ऑफिसर के रूप में लगी हुई थी। जहां सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण वैक्सीन लगवाने पहुंचते थे। 15 से 20 दिन तक ड्यूटी के दौरान हल्का जुखाम व खरास होने पर शिक्षिका ने कोरोना की जांच करवाई। उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। अनिता ने बिना घबराए अपने को घर के एक कमरे मे क्वारंटीन कर दिया। उसके बाद नियमित योगा के साथ काढ़े का सेवन शुरू कर दिया। चिकित्सकों से भी सम्पर्क बनाए रखा।
करीब 7 से 8 दिन बाद स्वास्थ्य में सुधार के बाद अनिता ने वापस से कोरोना जांच करवाई। रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उन्होंने पुन: अपना कार्य शुरू कर दिया। पुन: उसी उमंग के साथ कभी कोरोना वेक्सीनेशन में अपनी ड्यूटी दे रही हैं तो कभी विद्यालय पहुंच कर गांव में घर-घर सर्वे सहित बच्चों को पढ़ाने का कार्य रही हैं। अनिता ने बताया कि कोरोना को हराने के लिए घबराने की बजाय अपने में आत्मविश्वास रखते हुए नियमित योगा व काढ़े का सेवन करने व चिकित्सकों की सलाह से उपचार लेने से सबकुछ ठीक हो सकता है। चिकित्सकों का परामर्श आवश्यक है।