scriptपाली, जालोर, सिरोही की अधिकांश पालिकाओं में ‘अपात्र’ इओ, अब कुर्सी पर तलवार | High court has given instructions to remove ineligible officers | Patrika News

पाली, जालोर, सिरोही की अधिकांश पालिकाओं में ‘अपात्र’ इओ, अब कुर्सी पर तलवार

locationपालीPublished: Feb 26, 2021 11:16:32 am

Submitted by:

rajendra denok

-पद के विरुद्ध जमे हैं पदों पर-हाइकोर्ट ने अपात्र अधिकारियों को हटाने के दिए हैं निर्देश

पाली, जालोर, सिरोही की अधिकांश पालिकाओं में ‘अपात्र’ इओ, अब कुर्सी पर तलवार

पाली, जालोर, सिरोही की अधिकांश पालिकाओं में ‘अपात्र’ इओ, अब कुर्सी पर तलवार

-राजेन्द्रसिंह देणोक
पाली। प्रदेश की सौ से ज्यादा नगरपालिकाएं-नगरपरिषद ‘अपात्र’ अधिकारियों के भरोसे चल रही है। पाली, जालोर व सिरोही जिलों में तो स्थिति हैरान करने वाली है। तीनों जिलों में कुल 17 निकाय है, जिनमें 15 निकायों में अधिशासी अधिकारी के पद पर कहीं बाबू तो कहीं राजस्व निरीक्षक जमे हुए हैं। पाली नगर परिषद और बाली नगरपालिका अपवादस्वरूप है जहां आरएमएस (राजस्थान नगरपालिका सेवा)अधिकारी कार्यरत है। पिछले दिनों हाइकोर्ट ने भी पद विरुद्ध जमे अधिकारियों को अपात्र बताया था। हाइकोर्ट की टिप्पणी के बाद अब ऐसे अधिकारियों की कुर्सी पर तलवार लटक गई है। राज्य सरकार अपात्र अधिकारियों की सूची बना रही है।
आरएमएस अधिकारी ही पात्र
नगर परिषद और पालिकाओं में इओ के पद पर राजस्थान नगरपालिका सेवा के अधिकारी ही नियुक्ति के लिए पात्र है। स्थिति यह है कि प्रदेशभर में किसी जगह नियम की पालना नहीं की जा रही। किसी पालिका में कार्यालय अधीक्षक (बाबू) तो कहीं निरीक्षक स्तर का अधिकारी पालिका की कमान संभाल रहा है। राजस्थान उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण व्यवस्था दी कि अपात्र अधिकारी निकायों में आयुक्त नहीं बन सकेंगे। केवल राजस्थन नगरपालिका सेवा नियम-1963 के अनुसार आयुक्त के रूप में परिभाषित योग्यताधारी को ही नियुक्त किया जा सकता है। न्यायालय ने यह भी कहा कि विशेष परिस्थिति में आयुक्त से इत्तर किसी व्यक्ति को कार्यभार दिया जाना है तो यह अवधि पन्द्रह दिन से अधिक नहीं होनी चाहिए।
एपीओ है तीन दर्जन आरएमएस
ऐसा भी नहीं है कि आरएमएस अधिकारियों की प्रदेश में कमी है। प्रदेश में करीब तीन दर्जन से ज्यादा अधिकारी एपीओ चल रहे हैं। योग्य अधिकारियों को इओ पद पर नियुक्त करने की बजाय निकाय विभाग अपात्रों को ही कुर्सी संभला रहा है। यह स्थिति कई सालों से चल रही है। कुछ समय पूर्व सुमेरपुर के इओ (पदनाम कार्यालय अधीक्षक)को तखतगढ़ का अतिरिक्त कार्यभार भी दे दिया गया था। प्रदेश में ऐसे भी कई उदाहरण देखने को मिलते हैं।
कहां क्या तस्वीर
पाली-आयुक्त
बाली-अधिशाषी अधिकारी
जैतारण-कार्यालय अधीक्षक
रानी-कार्यालय अधीक्षक
सुमेरपुर-कार्यालय अधीक्षक
सोजत-राजस्व निरीक्षक
सादड़ी-राजस्व निरीक्षक
फालना-राजस्व निरीक्षक
तखतगढ़-राजस्व निरीक्षक

जालोर-कार्यालय अधीक्षक
सांचौर-सेनेटरी निरीक्षक
भीनमाल-एईएन

सिरोही-एक्सइएन
आबूरोड-कार्यालय अधीक्षक
माउंट आबू-राजस्व अधिकारी
पिण्डवाड़ा-राजस्व अधिकारी
शिवगंज-कार्यालय अधीक्षक

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