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बैंक के 8 सदस्यों के खिलाफ आदेश पारित करने पर हाइकोर्ट की रोक

locationपालीPublished: Nov 16, 2019 01:51:31 am

Submitted by:

Satydev Upadhyay

पाली/जोधपुर. पाली सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक में घोटाले का मामला उजागर होने के बाद लगातार बैंक चर्चा में है। राजस्थान हाइकोर्ट ने गुरुवार को सहकारिता रजिस्ट्रार की ओर से पाली सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के संचालक मंडल को भंग करने के नोटिस पर आठ सदस्यों के खिलाफ आदेश पारित करने पर रोक लगा दी।

बैंक के 8 सदस्यों के खिलाफ आदेश पारित करने पर हाइकोर्ट की रोक

बैंक के 8 सदस्यों के खिलाफ आदेश पारित करने पर हाइकोर्ट की रोक

पाली/जोधपुर. पाली सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक में घोटाले का मामला उजागर होने के बाद लगातार बैंक चर्चा में है। राजस्थान हाइकोर्ट ने गुरुवार को सहकारिता रजिस्ट्रार की ओर से पाली सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के संचालक मंडल को भंग करने के नोटिस पर आठ सदस्यों के खिलाफ आदेश पारित करने पर रोक लगा दी। इधर, जयपुर में रजिस्ट्रार आइएएस नीरज के पवन ने बैंक के संचालक मण्डल को अतिष्ठित करते हुए जिला कलक्टर पाली को प्रशासक पद का कार्यभार सौंपा है।
हाइकोर्ट से आठ जनों को मिला स्टे
जोधपुर हाइकोर्ट के न्यायाधीश दिनेश मेहता की एकलपीठ में संचालक मंडल के सदस्य भगवतसिंह, गुरनाम, भभूतराम, भंवरसिंह, करणसिंह, जबरसिंह, पुष्पा भाटी और भगताराम मीणा ने सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार की ओर से संचालक मंडल भंग करने के नोटिस को चुनौती दी थी। वरिष्ठ अधिवक्ता राजेश जोशी ने पैरवी करते हुए कहा कि सहकारिता रजिस्ट्रार ने याचिकाकर्ताओं के खिलाफ क्षेत्राधिकार से परे जाकर कार्यवाही शुरू की है। उन्होंने कहा कि पाली सेेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक का कार्य क्षेत्र बैंकिंग व्यवसाय है। इस पर कोर्ट ने संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी करते हुए सहकारिता विभाग के रजिस्ट्रार को याचिकाकर्ताओं के खिलाफ संचालक मंडल भंग करने को लेकर 19 अगस्त, 2019 को दिए गए नोटिस के क्रम में कोई आदेश पारित करने से रोक दिया।

अध्यक्ष ने की थी तिथि बढ़ाने की मांग
रजिस्ट्रार नीरज के पवन की ओर से जारी प्रेस नोट में बताया कि समिति की सुनवाई का अवसर प्रदान किए जाने के लिए 26 सितम्बर को निर्धारित तिथि पर बैंक अध्यक्ष एवं संचालकगण द्वारा सुनवाई आगे रखने का अनुरोध किया। इसके बाद 30 अक्टूबर 2019 को सुनवाई निर्धारित की गई। लेकिन, इस दिन भी तत्कालीन बैंक अध्यक्ष ने तिथि आगे बढ़ाने का कहा। अंतिम अवसर 15 नवम्बर को को सुनवाई निर्धारित की गई, लेकिन निर्धारित तिथि के सुबह 11 बजे न तो संचालक मण्डल के कोई सदस्य उपस्थित हुए और न केन्द्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड पाली की ओर से प्रतिनिधि उपस्थित हुआ। ऐसे में रजिस्ट्रार ने बैंक के संचालक मण्डल को अतिष्ठित करते हुए जिला कलक्टर पाली को प्रशासक पद पर लगाया।
इधर, रजिस्ट्रार ने यह आदेश किए जारी
जिला कलक्टर पाली ने पाली केन्द्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड के प्रशासक पद का कार्यभार शुक्रवार को सम्भाल लिया है। पाली सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक की जांच परिणाम के तहत रजिस्ट्रार सहकारी समितियां राजस्थान जयपुर के डॉ. नीरज के पवन ने पाली केन्द्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड पाली के संचालक मण्डल को अतिष्ठित करते हुए जिला कलक्टर पाली को प्रशासक पद का कार्यभार सौंपा है। आदेश में बताया गया कि अतिरिक्त पंजीयक बैंकिंग सहकारी समितियां राजस्थान जयपुर द्वारा राजस्थान सहकारी सोसायटी अधिनियम के तहत पाली सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड की करवाई गई जांच एवं परिणाम व निर्देश संलग्न कर बैंक के संचालन मण्डल के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंषा की गई। जांच परिणाम व निर्देश में सामने आया कि ऋण समिति के अध्यक्ष पुष्पेन्द्र कुडक़ी एवं सदस्य गणपतसिंह उतवण द्वारा सोसायटी बैंक सदस्य के हितों के प्रतिकूल कार्य किया। एनपीए का स्तर 11. 87 प्रतिशत से 37.80 प्रतिशत हो गया। संचालक मण्डल बैंक की इस स्थिति की समीक्षा नहीं की गई। साथ ही फर्जी तरीके से ऋण वितरण जारी रहा।
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