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रखरखाव के अभाव में जर्जर हो रही यहां की ऐतिहासिक छतरियां

locationपालीPublished: Feb 03, 2020 04:55:04 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

-पाली जिले के मारवाड़ जंक्शन [ marwar jakshan ] क्षेत्र के आऊवा गांव [ Auwa Village ] की इतिहास में है अलग पहचान-जमींदोज हो रही यहां की ऐतिहासिक छतरियां [ Historical canopies ]

रखरखाव के अभाव में जर्जर हो रही यहां की ऐतिहासिक छतरियां

रखरखाव के अभाव में जर्जर हो रही यहां की ऐतिहासिक छतरियां

पाली/मारवाड़ जंक्शन। 1857 की क्रांति में अहम भूमिका निभाने वाले पाली जिले के मारवाड़ जंक्शन क्षेत्र के आऊवा गांव की इतिहास में अलग ही पहचान है।

यहां के स्वातंत्र्य के इतिहास से रूबरू होने कई पर्यटक यहां पहुंचते हैं, लेकिन गांव के कुण्डल सरोवर के किनारे बनी ऐतिहासिक छतरियां उपेक्षा की शिकार होकर अपना अस्तित्व खो रही है। संरक्षण के अभाव में ये ऐतिहासिक छतरियां जमींदोज हो रही है।
कंटीली और जंगली झाडियों के बीच क ला के उत्कृष्ट नमूने के रूप में ये छतरियां मारवाड़ के उज्ज्वल इतिहास की साक्षी है। उपेक्षा के चलते इन छतरियों की मूर्तियां गायब हो चुकी है। मरम्मत के अभाव में ये छतरियां जर्जर हो गई है।
कुण्डल सरोवर के कि नारे 12 छतरियां अपने बेजोड़ शिल्प के कारण विशेष पहचान रखती है। छतरियों के आस-पास झाडिय़ा उग जाने से यहां आवागमन भी मुश्किल हो रहा है।

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