
केस एक: पेंशनर 86 साल के नारायणसिंह चलने-फिरने में पूर्ण सक्षम नहीं है। उनके पुत्र जीवनसिंह उनके लिए पर्ची कटाने अस्पताल के काउंटर पर गए। लाइन में खड़े होने के बाद नम्बर आया तो कहा गया, फोटो खिंचवाना होगा। उसके बिना पर्ची नहीं कटेगी। इस पर वे वापस घर गए।
केस दो: मुन्नी देवी के पैर में तकलीफ है। इस पर उनके पति, जिनके नाम से आरजीएचएस है। वे पर्ची लेने ओपीडी के काउंटर पर पहुंचे। इस पर मरीज लाने पर ही पर्ची काटने का कह दिया गया। उन्होंने कहा, वह मेरी पत्नी है और कार्ड मेरा है, लेकिन पर्ची नहीं काटी गई।
राजस्थान सरकार हेल्थ स्कीम के तहत पेंशनर्स व सरकारी कर्मचारियों को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ दिया जा रहा है। इसमें सोमवार को बड़ा परिवर्तन कर दिया गया। इसमें ओपीडी या आइपीडी की पर्ची लेने पर पेंशनर्स का वेब कैमरे से फोटो खींचना अनिवार्य कर दिया गया। इसका पता तब लगा, जब सुबह अस्पतालों में कार्मिक ने पर्ची काटने के लिए पोर्टल खोला। राजकीय बांगड़ चिकित्सालय में तो आनन-फानन में वेब कैमरा मंगवाकर कम्प्यूटर पर लगाया गया। इसके बाद पर्ची काटना शुरू किया गया। उस समय अधिकांश बुजुर्ग पेंशनर्स के परिजन पर्ची कटाने आए थे। इस पर उनको घर जाकर बुजुर्गों को अस्पताल लाना पड़ा। इसके बाद पर्ची कटी।
आरजीएचएस में मरीज को अस्पताल लाकर पर्ची कटवाना बुजुर्गों के लिए बड़ा संकट बन गया है। पेंशनर्स दिनेश दवे व छगनलाल गहलोत ने बताया कि बीपी, शुगर आदि बीमारियों की दवा लगातार लेनी होती है। कई बुजुर्गों चलने में परेशानी है। ऐसे में उनके परिजन पर्ची कटवाकर सीधे बुजुर्ग को चिकित्सक के पास ले जाते और दवा लिखवा देते। अब बुजुर्गों को भी पहले पर्ची के लिए कतार में खड़े रहना होगा। वहीं कई बुजुर्ग ऐसे भी है, जिनको गाड़ी में ही लिटाए हुए ही चिकित्सक को ओपीडी में दिखाकर पर्ची लिखवाई जाती है। वे कैसे फोटो के लिए लाइन में खड़े होंगे। उनका कहना था कि यह नियम बुजुर्गों के लिए अव्यावहारिक है। इसमें सेवानिवृत्त कर्मचारियों को छूट मिलनी चाहिए।
आरजीएचएस में फोटो खींचने की व्यवस्था पूरे प्रदेश में की गई है। अस्पताल में सुबह साइट पर समस्या आने पर कम्प्यूटर पर वेब कैमरा लगवाया और पर्ची काटने का कार्य शुरू करवाया।
डॉ. एचएम चौधरी, अधीक्षक, बांगड़ मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय, पाली
Published on:
03 Dec 2024 05:09 pm
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