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पढ़े खबर : कैसे केमिकल से तैयार हो रहे खाद्य पदार्थ दे रहे है यह खतरनाक बीमारी….

locationपालीPublished: Jun 07, 2018 11:56:51 am

Submitted by:

rajendra denok

हर खाद्य पदार्थ तैयार हो रहा केमिकल से, नतीजा धीरे-धीरे बढ़ रहा कैंसर का खतरा
 

Vegetable

पढ़े खबर : कैसे केमिकल से तैयार हो रहे खाद्य पदार्थ दे रहे है यह खतरनाक बीमारी….

पाली. जिले में धीरे-धीरे लोग कैंसर जैसी गंभीर बीमार की गिरफ्त में आ रहे है। प्रतिमाह जिले में 5 से 10 कैंसर से ग्रस्त मरीज सामने आ रहे है। तेजी से बढ़ते इस कैंसर के आंकड़े के पीछे चिकित्सक सबसे पहला कारण प्रतिदिन उपयोग में ली जा रही सब्जी, फल व अन्य खाद्य पदार्थ को मान रहे है। चिकित्सकों की माने तो हाल में जिला मुख्यालय पर आयोजित होने वाले स्क्रिनिंग शिविर में 54 कैंसर के मरीज सामने आए हैं। जिले में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी कोई नई नहीं है। इससे पहले भी लोग ग्रस्त होते थे, लेकिन वर्तमान में इसका रूप व कारण बदल गए थे। कैंसर को कुछ सालों पहले तक तम्बाकू के कारण पहचाना जाता था। लेकिन, पिछले पांच सालों में कैंसर का कारण भोजन ही बन रहा है। चिकित्सकों ने बताया कि इस समय बाजार में मिलने वाली हर सब्जी, फल व अन्य जंक फूड किसी न किसी केमिकल से तैयार हो रहा है। यह केमिकल खाद्य पदार्थो के माध्यम में हमारे शरीर में पहुंच रहा है। जिसका नतिजा कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के रूप में सामने आ रहा है।
यह बनते है कैंसर का कारण

– खेतों में फसलों को बचाने के लिए रसायन युक्त कीट-नाशक, रोग नाशक, खरपतवार नाशक और रासयनिक खाद डीएपी, यूरिया व एसएफपी का उपयोग करना।

– उर्वरकों में सिल्वर, निकिल, सेलेनियम, थैलियम, वनेडियम, पारा, सीसा, कैडमियम का उपयोग करने से मस्तिष्क कैंसर, प्रोस्टेट ग्रंथि कैंसर, बड़ी आंत का कैंसर का खतरा रहता है।
– फलों को पकाने के लिए कैल्शियम कार्बाइड, एसिटिलीन, प्रॉपलीन, एथलीन, ग्लाइकॉल व एथनॉल का उपयोग किया जाता है। इससे कैंसर का खतरा रहता हैं।

– जंक फूड में भी में केमिकल का उपयोग किया जाता है। इससे बड़ी आंत, छोटी आंत, लीवर व आमाशय में कैंसर का खतरा रहता है।
कैंसर के दो प्रकार

चिकित्सकों के अनुसार कैंसर के मुख्य दो प्रकार के होते है। पहला रक्त कैंसर जिसमें एएलएल, सीएलएल, एएमएल, सीएमएल, एनएचएल व एचएल होता है। दूसरा शारीरिक कैंसर जिसमें ब्रेन कैंसर, मुंह का कैंसर, स्तन कैंसर, गर्भाशय एवं बच्चेदानी का कैंसर, फैफड़ों को कैंसर व आंतों का कैंसर होता है।
यह कैंसर होते आनुवांशिक

चिकित्सकों ने बताया कि ब्लड कैंसर, स्तर कैंसर, बच्चेदानी के मुंह का कैंसर व बच्चेदानी का कैंसर आनुवांशिक तौर पर आगे से आगे बढ़ता रहता है।

जागरूकता जरूरी है
वर्तमान में सबसे ज्यादा फलों व सब्जियों को पकाने के लिए केमिकल का उपयोग हो रहा है। इसके अलावा भी कई केमिकल कैंसर का कारण बनते जा रहे है। अभी तक जिला मुख्यालय पर आयोजित शिविर में 54 कैंसर के मरीज सामने आए है। इस गंभीर समस्या से बचने के लिए खाद्य पदार्थों में केमिकल का उपयोग बंद करने की जागरूकता लानी होगी।
– डॉ. विकास जैन, जिला कैंसर नोडल आफिसर

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