ठेकेदारों के विरोध के बाद जनप्रतिनिधियों ने जिनका स्थानांतरण करवाया, न्यायालय के आदेश से फिर वे ही आयुक्त की कुर्सी संभालने पहुंचे
पाली. नगर परिषद आयुक्त की कुर्सी एक बार फिर चर्चा में है। ठेकेदारों द्वारा कमीशनखोरी का आरोप लगाने पर जनप्रतिनिधियों के निशाने पर आए इंद्रसिंह राठौड़ अपने स्थानांतरण के 28 दिन बाद ही न्यायालय का आदेश लाकर फिर से आयुक्त की कुर्सी पर काबिज हो गए हैं। इधर, राज्य सरकार के आदेश पर यहां पदस्थापित आशुतोष आचार्य भी आयुक्त का कामकाज देख रहे हैं। आधे दिन जहां राठौड़ आयुक्त की कुर्सी पर बैठे, वहीं आधे दिन आचार्य जमे रहे। राजनीतिक गलियारों के साथ शहर में भी यह घटनाक्रम चर्चा का विषय रहा। नगर परिषद पाली के आयुक्त इंद्रसिंह राठौड़ का तबादला 6 नवम्बर को जारी स्थानांतरण सूची में पाली से वैर नगर पालिका में अधिशासी अधिकारी पद पर कर दिया गया था। इस आदेश के विरुद्ध वे राजस्थान न्यायालय पहुंचे। वहां सुनवाई के बाद 4 दिसम्बर को न्यायाधीश अरुण भंसाली ने आदेश जारी किया। इसमें उन्होंने डीएलबी को आदेशित किया कि प्रार्थी इंद्रसिंह की सेवानिवृत्ति में कुछ माह बचे हैं। ऐसे में यह स्थानांतरण कंट्रोवर्सी का लगता है। न्यायाधीश ने 6 नवम्बर को जिस पद से राठौड़ को स्थानांतरित करने के आदेश दिए थे उसी पद पर यानी कि पाली नगर परिषद आयुक्त पद पर कार्यभार करवाने की स्वीकृति दी जाए।
अगले ही दिन पहुंच गए कार्यभार ग्रहण करने 4 दिसम्बर को न्यायालय ने लिखित आदेश जारी किए और आयुक्त राठौड़ अगले ही दिन यानी 5 दिसम्बर को सुबह ही पाली नगर परिषद आयुक्त का कार्यभार ग्रहण करने पहुंच गए। उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए खुद के कार्यभार ग्रहण करने का आदेश स्वयं ही जारी कर दिया। इसकी रिपोर्ट उन्होंने डीएलबी और अन्य अधिकारियों को भी भिजवा दी।
आयुक्त आचार्य बैठक में थे जब राठौड़ कार्यभार ग्रहण कर रहे थे तो इस पद पर करीब 28 दिन पहले लगाए गए आयुक्त आचार्य जिला कलक्टर की बुलाई बैठक में थे। प्रशासनिक हलको में भी दो आयुक्तों के कार्यरत होने की चर्चा रही। यहां आचार्य से पूछा तो उन्होंने राज्य सरकार के आदेश पर कार्य करते रहने की बात कही।
राठौड़ पर लगे थे आरोप स्थानांतरण से कुछ समय पहले ठेकेदारों ने कमीशनखोरी का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया था। दो दिन तक ठेकेदारों ने शहर में चल रहे सभी कार्य रोक दिए थे। इसके बाद विधायक और सभापति ने दखल दी और आपसी समझाइश हुई। इसके बाद राठौड़ का अंदरखाने विरोध बढ़ता रहा। इस प्रकरण के 15 दिन बाद ही स्थानांतरण सूची में राठौड़ का नाम आ गया।
राज्य सरकार के आदेश पर काम कर रहा हूंd हाईकोर्ट ने उनके स्थानांतरण आदेश पर स्टे दिया है। मुझे लेकर कोई गाइड लाइन नहीं दी है। मेरे पास तो राज्य सरकार के आदेश हैं। उसके अनुसार ही मैं यहां कार्य देख रहा हंू। आज भी वैसे ही कामकाज निपटाए हैं।
– आशुतोष आचार्य, आयुक्त नगर परिषद पाली।न्यायालय के आदेश पर कार्यभार ग्रहण किया मैंने न्यायालय में याचिका लगाई थी और उस आदेश के तहत ही कार्यभार ग्रहण किया है। कार्यभार ग्रहण की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भी भेज दी है। अगले आदेश का इंतजार रहेगा।
– इंद्रसिंह राठौड़, आयुक्त (न्यायालय आदेश), नगर परिषद पाली।विधिक राय लेकर कार्रवाई करेंगे कोर्ट सर्वोपरि है और उसके आदेश पर लिगल राय ले लेंगे। अभी उस पर कुछ टिप्पणी नहीं कर सकते। आदेश का सही परीक्षण करने के बाद आगे की कार्रवाई करेंगे। – ज्ञानचंद पारख, विधायक, पाली।