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खबर में पढ़े : कैसे रोज 90 लाख के टोल के बावजूद भी वाहन चालको को नही मिल रही सुविधाएं

locationपालीPublished: Dec 13, 2017 02:49:54 pm

Submitted by:

Avinash Kewaliya

– सिर्फ टोल वसूलने से है सरोकार
 

toll plaza
रायपुर मारवाड़.

ब्यावर-पिण्डवाड़ा फोरलेन पर सड़क निर्माण कम्पनी रोजाना के 90 लाख रुपए बतौर टोल के रूप में वाहन चालकों से वसूल कर रही है। ये टोल फोरलेन पर सुविधा दिए जाने के नाम पर वसूली जा रही है। जबकि हकीकत ये है कि यहां सुविधा का दूर दूर कोई वास्ता ही नहीं है। ऐसे में अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे ये वाहन चालक टोल देने में एतराज करें या सुविधा का सवाल उठाए तो उन्हें टोलकर्मी संतोषप्रद जवाब देने की बजाय अभद्र व्यवहार करने से नहीं चूकते हैं। ये तमाम हालात जिम्मेदारों के ध्यान में होते हुए भी वे मूकदर्शक बने हुए हैं।
इन चार टोल पर होती है वसूली

करीब 2300 करोड रुपए की लागत से ढाई साल पहले बनकर तैयार हुई इस फोरलेन की दूरी 245 किलोमीटर है। इस मार्ग पर चार टोल प्लाजा हैं। जहां टोल वसूली की जाती है। ये टोल बर, जाडऩ, बिरामी, सिरोही के पास हैं। जहां 24 घंटे में हजारों वाहनों की आवाजाही होती है। जिनसे टोल वसूला जाता है। बर टोल पर 17 लाख व सिरोही टोल पर 25 से 30 लाख रुपए रोजाना वसूले जाते हैं।
ये देनी थी सुविधा

इस मार्ग पर सड़क निर्माण कम्पनी को ब्रिज पर पर्याप्त रोशनी के लिए रोड लाइट, गांवों में जाने वाले मार्गों पर सम्पर्क सड़कें, महिला व पुरूषों के लिए अलग-अलग शौचालय, हादसे के समय एम्बुलेंस व क्रेन की सुविधा, मार्ग पर विचरण करने वाले मवेशियों को हटाना, अवैध कट बंद करना सहित अन्य सुविधा देनी होती है।
ये नहीं मिल रही सुविधाएं

इस मार्ग पर एक भी सार्वजनिक शौचालय आज तक नहीं बना। कम्पनी में कागजों में ये सुविधा बता रखी है। टोल पर इन्होंने शौचालय बनाए हैं लेकिन वे टोल ऑफिस के अंदर हैं। जिसका उपयोग कम्पनी स्टाफ ही करता है। ब्रिज पर लगा रखी रोड लाईटें अधिकांश तौर पर बंद ही रहती हैं। बेसहारा मवेशी सड़क के बीच बैठे रहते हैं जिनसे हादसे बढ रहे हैं। कई गांवों में आज तक सम्पर्क सड़कों का निर्माण ही नहीं किया। क्रेन की सुविधा के लिए कम्पनी के कार्मिकों को पैसा देना पड़ रहा है।
टोल गेट पर लगता है जाम

टोल प्लाजा पर पांच इन और पांच ही ऑउट गेट है। कम्पनी अपने फायदे के लिए दो-दो गेट को बंद ही रखती है। इससे उन्हें चार कार्मिको को दिए जाने वाले वेतन का फायदा मिलता है। इनमें भी एक-एक गेट तो एम्बुलेंस व वीआईपी के लिए रिर्जव रखते हैं। पीछे बचे दो दो गेट वहां से गुजरने के लिए वाहन चालकों को लाइन में लगना पड़ता है। ऐसे में रोजाना जाम लगता है।
सुविधा के प्रति सोचें जिम्मेदार

इस फोरलेन निर्माण के बाद एक दिन भी ऐसा नहीं गुजरा जब इस मार्ग पर खून नहीं बिखरा हो। रोजाना हादसे हो रहे हैं। जिसमें एक से दो व्यक्तियों की मौत हो रही है। पुलिस के जिम्मेदारों ने हेलमेट अभियान चलाकर अपने स्तर पर हादसे रोकने के जतन कर इतिश्री कर ली। लेकिन सुविधाओं पर ध्यान आज तक किसी का नहीं गया।
पता करेंगे

फोरलेन पर जो सुविधा हमारे टेंडर में शामिल थी हमने दे दी। अब जहां सम्पर्क सड़कें नहीं बनी वहां बना देंगे। शौचालय अलग से बनाने के लिए हमने प्रस्ताव भेजा है उसकी मंजूरी आज तक नहीं मिली। टोल गेट पर अधिकांश गेट बंद रहते हैं तो पता कर उन्हें खुलवा देंगे।
शैलेश शुक्ला, प्रोजेक्ट हेड, एनएचएआई,ब्यावर-पिण्डवाड़ा फोरलेन

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