जैतारण क्षेत्र की आसरलाई, मोहराई, फूलमाल, रास की नदियों से दिन के उजाले में ही बजरी का अवैध खनन किया जा रहा है। डम्पर व ट्रोलों में ओवरलोड बजरी लाद ब्यावर, भीलवाड़ा, जयपुर में सप्लाई की जा रही है। बजरी से लदे इन वाहनों को रोक रवाना, वाहन संबंधित कागजात, ओवरलोड की जांच करने वाला कोई नहीं है।
डम्पर में 50 टन बजरी
जैतारण से वाया बर होकर ब्यावर की तरफ सरपट दौड़ रहे बजरी से लदे वाहनों को कतार में भी देखा जाना आम हो गया है। डम्पर 24 टन क्षमता का है, लेकिन इसमें 40 से 50 टन बजरी लादने के लिए बजरी माफिया ने डम्परों की बॉडी का हिस्सा बढा दिया है। ट्रोलर की बात करें तो उसमें 60 से 70 टन बजरी लादकर सप्लाई की जा रही है। ऐसे डम्परों पर तिरपाल तक नहीं है। इससे हवा के साथ बजरी गुबार बनकर फोरलेन पर उड़ती है। ऐसे मेंं दुपहिया वाहन चालक हादसे के शिकार बन रहे हैं।
जैतारण से वाया बर होकर ब्यावर की तरफ सरपट दौड़ रहे बजरी से लदे वाहनों को कतार में भी देखा जाना आम हो गया है। डम्पर 24 टन क्षमता का है, लेकिन इसमें 40 से 50 टन बजरी लादने के लिए बजरी माफिया ने डम्परों की बॉडी का हिस्सा बढा दिया है। ट्रोलर की बात करें तो उसमें 60 से 70 टन बजरी लादकर सप्लाई की जा रही है। ऐसे डम्परों पर तिरपाल तक नहीं है। इससे हवा के साथ बजरी गुबार बनकर फोरलेन पर उड़ती है। ऐसे मेंं दुपहिया वाहन चालक हादसे के शिकार बन रहे हैं।
रसूखदार होने से दे रखा समर्थन
आसरलाई व मोहराई के ग्रामीण बताते हैं कि वे पिछले छह माह से शिकायतें कर थक चुके हैं। उनका आरेाप है कि बजरी माफिया रसूखदार है, जिससे जिम्मेदार अनदेखी कर खुला समर्थन दे रहे हैं। इससे दोनों गांवों की नदियां छलनी हो चुकी हैं। पहले रात को अवैध खनन होता था, अब तो दिन के उजाले में हो रहा है।
आसरलाई व मोहराई के ग्रामीण बताते हैं कि वे पिछले छह माह से शिकायतें कर थक चुके हैं। उनका आरेाप है कि बजरी माफिया रसूखदार है, जिससे जिम्मेदार अनदेखी कर खुला समर्थन दे रहे हैं। इससे दोनों गांवों की नदियां छलनी हो चुकी हैं। पहले रात को अवैध खनन होता था, अब तो दिन के उजाले में हो रहा है।
स्टॉक की अनदेखी
फोरलेन पर झाला की चौकी चौराहे से सटे खेत में रोजाना 200 टन से अधिक अवैध बजरी का स्टॉक किया जाता है। ये बजरी डम्परों के जरिए आसरलाई नदी से लाई जाती है। जिसे रात को ट्रोलर में लाद जयपुर भेजी जाती है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत की थी, लेकिन यहां कार्रवाई करने आज तक कोई नहीं पहुंचा।
फोरलेन पर झाला की चौकी चौराहे से सटे खेत में रोजाना 200 टन से अधिक अवैध बजरी का स्टॉक किया जाता है। ये बजरी डम्परों के जरिए आसरलाई नदी से लाई जाती है। जिसे रात को ट्रोलर में लाद जयपुर भेजी जाती है। ग्रामीणों ने इसकी शिकायत की थी, लेकिन यहां कार्रवाई करने आज तक कोई नहीं पहुंचा।