दरअसल, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव अशोक कुमार जैन को जयपुर में देसूरी के पदमपुरा में बाल विवाह होने की सूचना मिली। इस पर तत्काल जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को सतर्क कर कार्रवाई के निर्देश दिए गए। कुछ ही घंटों में बाल विवाह रुकवा दिया गया। ताल्लुका विधिक सेवा समिति ने बाल विवाह रुकने व परिजनों को पाबंद किए जाने के बारे में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को रिपोर्ट भेज दी।
परिजनों से तत्काल लिया आयु का शपथ पत्र
सूचना पर देसूरी ताल्लुका विधिक सेवा समिति एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट पीयूष जैलिया ने पुलिस-प्रशासन को कार्रवाई के निर्देश दिए। थानाधिकारी भंवरलाल व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और बाल विवाह रुकवाने के लिए तुरन्त इस्तगासा पेश किया, जिस पर नोटिस जारी होने से लेकर उसे तामील करवाने और परिजनों से उम्र का शपथ पत्र लेने तक की प्रक्रिया कुछ ही घंटों में पूरी कर ली गई।
सूचना पर देसूरी ताल्लुका विधिक सेवा समिति एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट पीयूष जैलिया ने पुलिस-प्रशासन को कार्रवाई के निर्देश दिए। थानाधिकारी भंवरलाल व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे और बाल विवाह रुकवाने के लिए तुरन्त इस्तगासा पेश किया, जिस पर नोटिस जारी होने से लेकर उसे तामील करवाने और परिजनों से उम्र का शपथ पत्र लेने तक की प्रक्रिया कुछ ही घंटों में पूरी कर ली गई।
यह मिली थी सूचना
पांच परिवारों की सात बालिकाओं की शादी हो रही है, जिनमें नाबालिग भी हैं। शिकायत के अनुसार इनमें दो परिवार ऐसे थे, जिनमें दो-दो बेटियों की शादी हो रही थी। परिजनों से आयु का शपथ पत्र लिया गया, तब पता चला कि इन दोनों परिवारों की एक—एक बेटी नाबालिग है। इन परिवारों ने अपनी नाबालिग बेटियों की शादी से मना किया। प्रशासन ने इसके बावजूद बाल विवाह की आशंका को देखते हुए दोनों परिवारों को उनकी नाबालिग बेटियों का विवाह अभी नहीं करने को पाबंद किया।
पांच परिवारों की सात बालिकाओं की शादी हो रही है, जिनमें नाबालिग भी हैं। शिकायत के अनुसार इनमें दो परिवार ऐसे थे, जिनमें दो-दो बेटियों की शादी हो रही थी। परिजनों से आयु का शपथ पत्र लिया गया, तब पता चला कि इन दोनों परिवारों की एक—एक बेटी नाबालिग है। इन परिवारों ने अपनी नाबालिग बेटियों की शादी से मना किया। प्रशासन ने इसके बावजूद बाल विवाह की आशंका को देखते हुए दोनों परिवारों को उनकी नाबालिग बेटियों का विवाह अभी नहीं करने को पाबंद किया।