1. पानी की समस्या का समाधान नहीं होने के लिए जिम्मेदार कौन है?
2. आपने क्या प्रयास किए?
3. आपकी नजर में अब क्या समाधान है और आप क्या करेंगे?
1. जवाब : पानी की समस्या के लिए प्रशासन और राजनेता जिम्मेदार है। यहां की जनता भी कम दोषी नहीं है। पानी का बंटवारा भी गलत हो रहा है।
2. जवाब : पानी के लिए लगातार प्रयास कर रहे है। कंटीजेंसी प्लान बनाया है। पाली को जोधपुर से जोडऩे की मांग कर रहे है। जोधपुर से रीको व डीआइएमसी के तहत पेयजल योजना स्वीकृत है। उसे रोहट तक बढ़ाने के लिए भी मांग उठाई है।
3. जवाब : जवाई पुनर्भरण और जोधपुर से पाली तक पाइप लाइन से पानी लाना ही पेयजल समस्या का स्थाई समाधान है। जवाई पुनर्भरण का मामला बहुत धीमा चल रहा है। जवाई में पानी आने पर यह मामला कमजोर भी हो जाता है। मैं स्थाई समाधान के लिए केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत से भी बात कर चुका हूं।
1. जवाब : पिछले 23 साल से जो विधायक है वही जिम्मेदार है। 24 घंटे पानी के देने के नाम पर करोड़ों रुपए और खर्च कर दिए। यह तो सीधेतौर पर जनता से धोखा है। रोहट क्षेत्र में कई जगह पानी की टंकियां बनवा दी, लेकिन पानी कभी नहीं पहुंचा। कांग्रेस के नेता भी कम जिम्मेदार नहीं है। जवाई पुनर्भरण के मुद्दे पर सिर्फ राजनीति हुई है।
2. जवाब : मैंने ही जोधपुर से रोहट तक पाइप लाइन बिछवाई थी। यह काम मात्र 29 दिन में पूरा करवाया। इसके बाद उस पाइप लाइन का ध्यान नहीं दिया गया और वो जर्जर हो गई। अब तो सिर्फ योजनाएं बन रही है। जोधपुर से पाइप लाने की बात अब नहीं की जा रही है।
3. जवाब : मैं पानी की स्थाई समस्या के समाधान को लेकर चार-पांच दिन में योजना बनाऊंगा। जनता को साथ लेकर सरकार पर स्थानीय समाधान करने और पेयजल उपलब्ध कराने का दबाव बनाया जाएगा। रोहट में तो पानी का बहुत बड़ा संकट है।
1. जवाब : जल संकट के लिए वर्तमान सरकार जिम्मेदार है। पूर्ववर्ती भाजपा सरकार ने जवाई पुनर्भरण के लिए राशि की घोषणा भी की थी। मैंने कई बार विधानसभा में मुद्दा उठाया, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया।
2. जवाब – क्षेत्र में 40 हैण्डपम्प और 10 ट्यूबवेल स्वीकृत कराए है। उनका कार्य शुरू हो गया है। सेई बांध की सुरंग को चौड़ा करने का मुद्दा विधानसभा में उठाया था। उससे 100 करोड़ के टेंडर हो गए है। वर्क ऑर्डर होने पर सुरंग को चौड़ा किया जाएगा। इससे संकट दूर होगा।
3. जवाब : जवाई बांध पर पुरा जिला निर्भर है। पाली, सोजत, जैतारण व मारवाड़ जंक्शन विधानसभा क्षेत्र को जोधपुर से जोडऩे का मुद्दा विधानसभा में उठाया था। जिससे जवाई पर निर्भरता खत्म हो जाए। निर्मदा का नहर किसी भी तरीके से जवाई या पाली तक लाने पर स्थानीय समाधान हो सकता है।
1. जवाब : सिस्टम और यहां के जनप्रतिनिधि सीधे तौर पर जिम्मेदार है। सरकार ने अपनी तरफ से प्रयास किए थे। सिस्टम की खामी से परियोजना पर काम आगे नहीं बढ़ा।
2. जवाब : मैं लगातार अधिकारियों से पानी को लेकर बात कर रही हूं। प्रभारी मंत्री के आने पर उनसे भी इसे लेकर चर्चा की थी। इस समय केवल ट्रेन से पानी मंगवाना ही विकल्प रह गया है।
3. जवाब : सरकार ने सेई बांध को लेकर घोषणा की थी। जवाई पुनर्भरण होने पर पेयजल समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है। इसी से राहत मिल सकती है।
1. जवाब : जनप्रतिनिधि और जनता दोनों ही जिम्मेदार है। प्रकृति के साथ जब तक खिलवाड़ होता रहेगा, इस समस्या का समाधान नहीं हो सकता।
2. जवाब : हमने क्षेत्र में दस ट्यूबवेल स्वीकृत करवाए है, लेकिन वे पर्याप्त नहीं है। अब सितम्बर में और ट्यूबवेल स्वीकृत करवाएं जाएंगे। ट्यूबवेल में भी पानी खारा है और पानी की मात्रा कम ही है। ऐसे में ट्रेन से पानी मंगवाना होगा। मैंने पेयजल समस्या के समाधान के लिए क्षेत्र को जवाई पेयजल योजना से जुड़वाया है।
3. जवाब : स्थाई समाधान के लिए जवाई पुनर्भरण योजना का कार्य तीव्र गति से होना जरूरी है। वहां दूसरी योजना का पैसा लगाना पड़े तो सरकार को लगाना चाहिए। जवाई पर बोझ बढ़ाने से पहले ही जवाई पुनर्भरण पर कार्य किया जाना चाहिए था। मैं मुख्यमंत्री से मिलकर जवाई पुनर्भरण कार्य तीव्र गति से कराने का प्रयास करूंगा।
1. जवाब : जिसकी सरकार लंबे समय तक रही है वही इसके लिए जिम्मेदार है। सरकार के अलावा और कौन जिम्मेदार हो सकता है।
2. जवाब : अभी इन्द्र देव के बरसने की आस है। जवाई में पानी आने पर ही इस समय जल संकट दूर हो सकेगा। तभी जनता को पीने का पानी मिल सकेगा।
3. जवाब : पूर्व सरकार ने नर्मदा का पानी लाकर जवाई पुनर्भरण करने की योजना बनाई थी। इसके लिए 600 करोड़ रुपए गुजरात सरकार को दिए थे। नर्मदा से पानी सेई में लाया जाएगा। उसे ऊंचा उठाया जाए। जिससे पानी जवाई में आ सके और समस्या का स्थायी समाधान हो।
1. जवाब : मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन योजना के तहत जलस्रोत रीचार्ज होते थे। सरकार ने यह योजना बंद कर दी। प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन योजना में भी सरकार को गंभीरता से काम करना चाहिए।
2. जवाब : पानी की समस्या के समाधान के लिए राज्य सरकार के समक्ष समय समय पर मांग उठाते हैं। जलदाय मंत्री से भी बात की थी। पानी की समस्या के समाधान के लिए पुरजोर प्रयास करेंगे।
3. जवाब : पानी पहली जरूरत है। इसके लिए राज्य सरकार को निश्चित समय पर परियोजना को पूरा करने का दृढं संकल्प करना चाहिए। परम्परागत जलस्रोतों का सार-संभाल करना भी लाभदायक होगा।
1. जवाब : कहीं न कहीं जनप्रतिनिधि भी जिम्मेदार है। सरकार भी जिम्मेदार है कि इसका प्लान क्यों नहीं बनाया। कोई आवाज नहीं भी उठाए तो सरकार को पानी की व्यवस्था करनी चाहिए। जवाई पेयजल का मुख्यस्रोत है। जलदाय विभाग भी कठघरे में है।
2. जवाब : मैं जब प्रधान थी तब 2013 की कांग्रेस सरकार में मैंने जवाई पुनर्भरण के लिए आवाज उठाई थी। तत्कालीन मंत्री बिना काक के जरिए सरकार तक बात पहुंचाई थी। बाद की सरकार ने इसमें काम नहीं किया।
3. जवाब : जोधपुर से पाली तक पाइप लाइन बिछाकर स्थायी समाधान किया है। जवाई पुनर्भरण के मुद्दे पर ठोस योजना बननी चाहिए। जल्द से जल्द योजना को पूरा किया जाए।