मारवाड़ में चुनावी शोर मारवाड़ में भी महाराष्ट्र के चुनावों की सुर्खियां सुनाई दे रही। यहां केज्यादातर नेता इन दिनों मायानगरी की गलियों में घूम रहे हैं। प्रवासी राजस्थानी मतदाताओं को रिझाने की कोशिशों में लगे हैं। देश की आर्थिक नगरी समेत कई शहरों में मारवाडिय़ों की धाक है। सियासत में भी उनका अच्छा खासा वर्चस्व बताया जा रहा। इसी कारण यहां के नेताओं को चुनाव कैंपेन में लगाया गया है। कांग्रेस के कई नेता बड़े उत्साहित है। यह बात और है कि खुद के यहां तो पार्टी को रसातल से बाहर नहीं निकाल पाए, मराठा चुनाव में कितना दमखम दिखाएंगे यह सच्चाई भी चुनाव परिणाम में सामने आ जाएगी।
चुनावी नूरा-कुश्ती
शहरी सरकार के चुनावों की सरगर्मियां शुरू हो गई है। चुनाव की तिथि अभी घोषित होनी है। इससे पहले ही सत्ता और विपक्ष में जमकर नूरा-कुश्ती चल रही। पांच साल के कार्यकाल में ज्यादातर आंखें मूंदकर बैठे रहे विपक्ष को अब आमजन की पीड़ा सूझ रही। इतना ही नहीं, जब से चुनावी सुर्खियां शुरू हुई, विपक्ष आए दिन प्रचार का मौका तलाश रहा। सत्ता पक्ष भी कोई कम नहीं। फिर से पारी खेलने की मंशा से शिलालेख-पत्थर धुआंधार गति से लगाए जा रहे। अब नूरा-कुश्ती में बाजी किसके हाथ रहेगी, यह तो मतदाता ही तय करेंगे।
शहरी सरकार के चुनावों की सरगर्मियां शुरू हो गई है। चुनाव की तिथि अभी घोषित होनी है। इससे पहले ही सत्ता और विपक्ष में जमकर नूरा-कुश्ती चल रही। पांच साल के कार्यकाल में ज्यादातर आंखें मूंदकर बैठे रहे विपक्ष को अब आमजन की पीड़ा सूझ रही। इतना ही नहीं, जब से चुनावी सुर्खियां शुरू हुई, विपक्ष आए दिन प्रचार का मौका तलाश रहा। सत्ता पक्ष भी कोई कम नहीं। फिर से पारी खेलने की मंशा से शिलालेख-पत्थर धुआंधार गति से लगाए जा रहे। अब नूरा-कुश्ती में बाजी किसके हाथ रहेगी, यह तो मतदाता ही तय करेंगे।