पारख ने कहा कि वर्तमान में जवाई बांध की क्षमता नहीं है कि वह पूरे जिले को पानी उपलब्ध करा सके। जवाई से जिले के गांव और शहर बड़ी संख्या में जोड़ दिए गए हैं। ऐसे में जब कभी बारिश का अभाव रहता है तो जिले में पेयजल संकट गहरा जाता है। उन्होंने पाली में पानी का संकट दूर करने के लिए जोधपुर से पाइप लाइन द्वारा इन्द्रा नहर का पानी उपलब्ध कराने की मांग की। उन्होंने इन्द्रा नहर परियोजना के तृतीय चरण का काम पूरा करने के लिए वित्तीय स्वीकृति देने का अनुरोध किया। पारख ने मंडली से जैतपुरा योजना के द्वितीय चरण को गति देने की मांग उठाई। उन्होंने कहा कि जिले में सौ करोड़ की योजनाएं चल रही है। उनको गति देने की आवश्यकता है।
एमवीआर तकनीक की पैरवी
विधायक पारख ने उद्यमी कमलेश गुगलिया की फैक्ट्री में लगाए गए एमवीआर तकनीक के प्लांट की खुलकर पैरवी की। उन्होंने कहा कि पाली में 30 एमएलडी पानी की रोजाना आवश्यकता है। इतना ही पानी कपड़ा इंडस्ट्री को चाहिए। यदि एमवीआर तकनीक को बढ़ावा दिया जाता है तो इस समस्या का भी समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह ऐसी तकनीक है जिससे न केवल प्रदूषण की समस्या का समाधान होगा, बल्कि रोजगार के संकट से भी निजात मिलेगी। उन्होंने अनुरोध किया कि राज्य सरकार इस तकनीक का परीक्षण कराए। यदि एमवीआर तकनीक सफल साबित होती है तो राज्य सरकार को सब्सिडी देनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि गहलोत सरकार के पिछले कार्यकाल में जेडएलडी पर सब्सिडी का प्रावधान था। इस बार भी सरकार को पाली के कपड़ा उद्यमियों को मदद के लिए आगे आना चाहिए।
विधायक पारख ने उद्यमी कमलेश गुगलिया की फैक्ट्री में लगाए गए एमवीआर तकनीक के प्लांट की खुलकर पैरवी की। उन्होंने कहा कि पाली में 30 एमएलडी पानी की रोजाना आवश्यकता है। इतना ही पानी कपड़ा इंडस्ट्री को चाहिए। यदि एमवीआर तकनीक को बढ़ावा दिया जाता है तो इस समस्या का भी समाधान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह ऐसी तकनीक है जिससे न केवल प्रदूषण की समस्या का समाधान होगा, बल्कि रोजगार के संकट से भी निजात मिलेगी। उन्होंने अनुरोध किया कि राज्य सरकार इस तकनीक का परीक्षण कराए। यदि एमवीआर तकनीक सफल साबित होती है तो राज्य सरकार को सब्सिडी देनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि गहलोत सरकार के पिछले कार्यकाल में जेडएलडी पर सब्सिडी का प्रावधान था। इस बार भी सरकार को पाली के कपड़ा उद्यमियों को मदद के लिए आगे आना चाहिए।
पशुओं के लिए भी उपलब्ध हो पानी
पारख ने सदन में कहा कि कोई भी योजना बनती है उसमें पशुओं की संख्या का जिक्र नहीं होता। गांवों में पानी भी जनसंख्या के आधार पर दिया जाता है, जबकि पशुओं की तादाद भी उतनी ही होती है। उन्होंने आग्रह किया किया योजना बनाते समय पशुओं की गणना का भी ध्यान रखा जाए। उन्होंने पाली व रोहट क्षेत्र के अभावग्रस्त गावों में समुचित जलापूर्ति करवाने की भी मांग की।
पारख ने सदन में कहा कि कोई भी योजना बनती है उसमें पशुओं की संख्या का जिक्र नहीं होता। गांवों में पानी भी जनसंख्या के आधार पर दिया जाता है, जबकि पशुओं की तादाद भी उतनी ही होती है। उन्होंने आग्रह किया किया योजना बनाते समय पशुओं की गणना का भी ध्यान रखा जाए। उन्होंने पाली व रोहट क्षेत्र के अभावग्रस्त गावों में समुचित जलापूर्ति करवाने की भी मांग की।
खुशवीर ने भी किया समर्थन
मारवाड़ जंक्शन विधायक खुशवीरसिंह जोजावर ने भी सोमवार को विधानसभा में एमवीआर तकनीक के प्लांट का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि यह यह तकनीक कपड़ा उद्योग के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदूषण की समस्या के समाधान की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
मारवाड़ जंक्शन विधायक खुशवीरसिंह जोजावर ने भी सोमवार को विधानसभा में एमवीआर तकनीक के प्लांट का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि यह यह तकनीक कपड़ा उद्योग के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदूषण की समस्या के समाधान की दिशा में यह महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।
जलदाय मंत्री बोले, प्लांट देखने आऊंगा पाली
पाली व मारवाड़ जंक्शन विधायक के आग्रह पर जलदाय मंत्री बी डी कल्ला ने आश्वस्त किया कि वे एमवीआर तकनीक का प्लांट देखने जल्द ही पाली आएंगे। उन्होंने हरसंभव मदद का भी भरोसा दिया। विधायक पारख ने कहा कि मंत्री कल्ला ने रोहट क्षेत्र के 84 गांवों के लिए 1400 करोड़ की योजना स्वीकृत करने की घोषणा की है।
पाली व मारवाड़ जंक्शन विधायक के आग्रह पर जलदाय मंत्री बी डी कल्ला ने आश्वस्त किया कि वे एमवीआर तकनीक का प्लांट देखने जल्द ही पाली आएंगे। उन्होंने हरसंभव मदद का भी भरोसा दिया। विधायक पारख ने कहा कि मंत्री कल्ला ने रोहट क्षेत्र के 84 गांवों के लिए 1400 करोड़ की योजना स्वीकृत करने की घोषणा की है।