इस तरह का सफर दो साल की मंदी के बावजूद अपनी कंपनियों के लिए बेहतर और बड़ा विदेशी निवेश और बेहतर वित्तीय प्रबंधन करने वाले 12 सीएफओ (Cfo) प्रकाशित किए गए है। इसी कड़ी में मनोहरसिंह ने इस दौर में 7 हजार करोड़ से अधिक विदेश निवेश करवाया और उसके बाद उनके बेहतर प्रबंधन से फायदा भी मिला। इस एडिशन में कुल 12 सीएफओ के बारे में प्रकाशित किया गया, जिसमें 11 भारतीय और एक अमरीकी है।
गांव से विदेश तक का सफर और बनाई पहचान मनोहर की पांचवीं तक की पढ़ाई गांव में ही हुई और उसके बाद जसवंतपुरा नवोदय विद्यालय से सीनियर सैकंडरी, कानपुर से आईआईटी, सिविल इंजीनियरिंग बीटेक और आईआईएम अहमदाबाद से करने के बाद एमबीएम किया।
किसान परिवार से ताल्लुक मनोहर की पृष्ठभूमि किसान परिवार से है। पिता महेशदान हरमू (Harmu village) में कृषि करते हैं। मनोहर बताते हैं कि शुरुआत में तीन वर्ष अहमदाबाद में बैंकर्स के रूप में कार्य किया। जिसके बाद भारत में रहकर ही कुछ कंपनियों में फाइनेंस से जुड़े कार्य किए। दो वर्ष तक होंगकोंग, सिंगापुर में काम किया औैर उसके बाद 2013 को भारत लौट आए। यहां इन्वेंस्टमेंट बैंकिंग का कार्य किया। इसी दौरान भारत लौटने के बाद बैंकिंग का कार्य छोडकऱ कंपनियों में फाइनेंस विभाग का कार्य शुरु किया। मनोहर ने इस कार्य की शुरुआत वर्ष 2015 से की।
इन कंपनियों में भी निभाई
- जमेटो (Zameto) में 2018 में इसी तरह का कार्य किया। इसी तरह एक वर्ष उबेर में कार्य किया। उबेर में मनोहरसिंह ने भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका का वित्त विभाग संभाला। जिसके बाद शेयर चेट में सीएफओ के रूप में कार्यरत है।
- जमेटो (Zameto) में 2018 में इसी तरह का कार्य किया। इसी तरह एक वर्ष उबेर में कार्य किया। उबेर में मनोहरसिंह ने भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका का वित्त विभाग संभाला। जिसके बाद शेयर चेट में सीएफओ के रूप में कार्यरत है।