ट्रांसपोर्ट नगर में हमाली का काम करने वाले ये हमाल यहां एक गोदाम में रह रहे हैं। हाल ही में इन्होंने ई-मित्र से कठुआ जाने के लिए रजिस्ट्रेशन करवाया था, लेकिन जम्मू राज्य की ओर से उन्हें एनओसी नहीं देने के कारण उनकी रवानगी अटक गई। राज्य की सीमा तक जाने की अनुमति होने के कारण उन्होंने श्रीगंगानगर जिले की सीमा तक जाने के लिए अनुमति मांगी, वह मिल भी गई। ऐसे में हमालों ने 30 हजार रुपए का इंतजाम किया। सोजत से एक बस बुक करवाई और उसमें डीजल भरवाकर मंगलवार शाम श्रीगंगानगर जिले के लिए रवाना हुए। हमालों की बस ट्रांसपोर्ट नगर थाने की सरहद तक पहुंची ही थी कि बस को रुकवाकर हमालों को उतरवाकर दोबारा उन्हें अपने गोदाम में पहुंचा दिया गया।
इन हमालों में शामिल संजय ने बताया कि वे पिछले 40 दिनों से अपनी घर वापसी के लिए कलक्ट्रेट के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं दिया जा रहा है। यदि उन्हें श्रीगंगानगर जिले की सरहद तक पहुंचा दिया जाए तो वे वहां से जम्मू के कठुआ तक 400 किलोमीटर का सफर पैदल तय कर लेंगे। तब तक गंगानगर में उन्हें ईंट भटे पर काम भी मिल जाएगा। अभी हालत यह है कि गोदाम में ठाले बैठे-बैठे उनकी जेब में जमा राशि पूरी तरह खर्च होने लगी है।
यह सही है कि जम्मू के हमालों को श्रीगंगानगर सीमा तक जाने की अनुमति प्रशासन ने दी थी, लेकिन यह अनुमति बाद में निरस्त कर दी गई। इसलिए, इन सभी को पाली से बाहर निकलने के लिए रोका गया है। अब प्रशासन संबंधित राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों से बात कर इन्हें इनके घर पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। – विकास कुमार, थाना प्रभारी, ट्रांसपोर्ट नगर थाना