पहले चार बांध बनने थे प्रस्तावित
जवाई पुनर्भरण के लिए पहले चार बांध बनाए जाने तय किए गए थे। इन चार बांधों सेई, साबरमति, पामेरी व वाकल के लिए डीपीआर तैयार की गई। इन बांधों की क्षमता 8000 एमसीएफटी की थी। इसके बाद यह मामला दो राज्यों गुजरात व राजस्थान का होने से केन्द्रीय जल आयोग (सीडब्लयूसी) में चला गया। इसके बाद बांधों की संख्या घटाकर सेई, साबरमति व वाकल कर तीन कर दी गई। इसके प्रथम फेज में सेई व साबरमति बांध बनने थे। जबकि दूसरे फेज में वाकल बांध बनना प्रस्तावित था। अब सीएम की नई बजट घोषणा के अनुसार पहले फेज के दो बांधों का नाम बदलकर बुझा व चकसांडमारिया किया गया है।
जवाई पुनर्भरण के लिए पहले चार बांध बनाए जाने तय किए गए थे। इन चार बांधों सेई, साबरमति, पामेरी व वाकल के लिए डीपीआर तैयार की गई। इन बांधों की क्षमता 8000 एमसीएफटी की थी। इसके बाद यह मामला दो राज्यों गुजरात व राजस्थान का होने से केन्द्रीय जल आयोग (सीडब्लयूसी) में चला गया। इसके बाद बांधों की संख्या घटाकर सेई, साबरमति व वाकल कर तीन कर दी गई। इसके प्रथम फेज में सेई व साबरमति बांध बनने थे। जबकि दूसरे फेज में वाकल बांध बनना प्रस्तावित था। अब सीएम की नई बजट घोषणा के अनुसार पहले फेज के दो बांधों का नाम बदलकर बुझा व चकसांडमारिया किया गया है।
मिल चुकी है सीडब्ल्यूसी की स्वीकृति
सीडब्ल्यूसी से पाली सिंचाई विभाग व अधिकारियों के प्रयास से हाइड्रोलॉजी (जल उपलब्धता), पीक फ्लड व सेंडिमेंटेशन एनालिसस की स्वीकृति मिल गई थी। ऐसे में अब नए बांध बनाने पर उसी आधार पर कार्य किया जा सकेता है। यह मामला राज्य सरकार का होने व बजट भी राज्य सरकार की ओर से दिए जाने के कारण बांध बनाने में अधिक विलम्ब नहीं होगा। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है।
सीडब्ल्यूसी से पाली सिंचाई विभाग व अधिकारियों के प्रयास से हाइड्रोलॉजी (जल उपलब्धता), पीक फ्लड व सेंडिमेंटेशन एनालिसस की स्वीकृति मिल गई थी। ऐसे में अब नए बांध बनाने पर उसी आधार पर कार्य किया जा सकेता है। यह मामला राज्य सरकार का होने व बजट भी राज्य सरकार की ओर से दिए जाने के कारण बांध बनाने में अधिक विलम्ब नहीं होगा। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है।
टनल पूरी होने पर भी मिल सकती है राहत
इधर, सेई बांध जिसकी भराव क्षमता 1608 एमसीएफटी है। उसके पानी को जवाई में अपवर्तित करने के लिए बनी टनल की चौड़ाई को बढ़ाने का कार्य शुरू किया गया है। यह कार्य 65 करोड़ रुपए से किया जा रहा है, लेकिन इसे पूरा होने का समय तीन वर्ष तय किया गया है। इसका कारण यह है कि सेई में पानी की आवक होने पर वहां से जवाई में टनल के माध्यम से पानी डायवर्ट किया जाएगा। उस समय टनल की चौड़ाई का कार्य बंद रहेगा।
इधर, सेई बांध जिसकी भराव क्षमता 1608 एमसीएफटी है। उसके पानी को जवाई में अपवर्तित करने के लिए बनी टनल की चौड़ाई को बढ़ाने का कार्य शुरू किया गया है। यह कार्य 65 करोड़ रुपए से किया जा रहा है, लेकिन इसे पूरा होने का समय तीन वर्ष तय किया गया है। इसका कारण यह है कि सेई में पानी की आवक होने पर वहां से जवाई में टनल के माध्यम से पानी डायवर्ट किया जाएगा। उस समय टनल की चौड़ाई का कार्य बंद रहेगा।
डीपीआर में करने होंगे बदलाव
बजट में दो बांध बुझा व चकसांडमारिया बनाने के लिए घोषणा की गई है। इन बांधों के लिए पूर्व में तैयार डीपीआर में कुछ बदलाव करने होंगे। इधर, सेई टनल चौड़ा होने पर सेई से करीब 800 एमसीएफटी पानी अधिक डायवर्ट हो सकेगा। अभी सेई से करीब औसत 2100 एमसीएफटी पानी डायवर्ट होता है। -मनीष परिहार, अधीक्षण अभियंता, सिंचाई विभाग, पाली
बजट में दो बांध बुझा व चकसांडमारिया बनाने के लिए घोषणा की गई है। इन बांधों के लिए पूर्व में तैयार डीपीआर में कुछ बदलाव करने होंगे। इधर, सेई टनल चौड़ा होने पर सेई से करीब 800 एमसीएफटी पानी अधिक डायवर्ट हो सकेगा। अभी सेई से करीब औसत 2100 एमसीएफटी पानी डायवर्ट होता है। -मनीष परिहार, अधीक्षण अभियंता, सिंचाई विभाग, पाली
सिंचाई विभाग ने बढ़ाई थी क्षमता
7000 एमसीएफटी करीब थी जवाई की शुरू में भराव क्षमता
1.5 फीट ऊंचाई बढ़ाई गई थी बाद में जवाई की
7327 एमसीएफटी हो गई थी जवाई की भराव क्षमता, जो वर्तमान में भी है
1100 एमसीएफटी थी जवाई के सहायक सेई बांध की शुरू में क्षमता
1608 एमसीएफटी की गई थी इसकी ऊंचाई बढ़ाकर क्षमता
256 एमसीएफटी क्षमता का कालीबोर सहायक बांध भी बनाया गया था
60 प्रतिशत पानी करीब डायवर्ट होता है सेई बांध का जवाई बांध में
7000 एमसीएफटी करीब थी जवाई की शुरू में भराव क्षमता
1.5 फीट ऊंचाई बढ़ाई गई थी बाद में जवाई की
7327 एमसीएफटी हो गई थी जवाई की भराव क्षमता, जो वर्तमान में भी है
1100 एमसीएफटी थी जवाई के सहायक सेई बांध की शुरू में क्षमता
1608 एमसीएफटी की गई थी इसकी ऊंचाई बढ़ाकर क्षमता
256 एमसीएफटी क्षमता का कालीबोर सहायक बांध भी बनाया गया था
60 प्रतिशत पानी करीब डायवर्ट होता है सेई बांध का जवाई बांध में