शासन चौदह बरस तक हमने ही चलाया है… सतना मध्यप्रदेश के कवि अशोक सुदरानी ने जूते ने कहा… उतरे तो प्रभु श्री राम के चरणों से तो अयोध्या का शासन १४ बरस तक हमने ही चलाया… कविता से भगवान राम की महिमा का हृदय स्पर्शी वर्णन कर तालियां बटोरी। उन्होंने भारत माता की जय वहीं लोग नहीं बोलते… कविता से भारत माता की जय बोलने पर राजनीति करने वालों पर व्यंग्य किया।
स्वच्छता का दिया संदेश कवि सम्मत सुरीला ने पहले आतंकवाद पर कटाक्ष किया। इसके बाद एक चर्चा यहां पर है सुबह-शाम… कविता से स्वच्छता का संकल्प लेने का संदेश दिया। निम्बाहेड़ा के कवि शांति तूफान ने बात कही बिगड़ी तो इस बात का होना तय समझो देश द्रोहियों पर गहरे आघात होना तय समझो… कविता सुनाकर श्रोताओं का मन मोह लिया। वीर रस के कवि मदनमोहन समर व गीतकार कुंवर जावेद ने भी शानदार कविताएं व गीत पेश कर तालियां बटोरी।