दल में शामिल दूदालाल बोले कमठे का काम 22 मार्च से अब तक नहीं मिला है। अब तो पैसे खत्म होने को है। ऐसे में सोचा गांव चले जाए तो साधन नहीं मिला। इस पर पत्नी व बच्चों को लेकर पैदल ही निकल गया। हमारे साथ करीब 40 लोग है। जो सभी कमठे का ही काम करते थे।
इन श्रमिकों के साथ जा रहे बुजुर्ग पुनाराम का कहना था कि हमने रवाना होने से पहले सूची बनाई और जोधपुर के एसडीएम को दी, लेकिन हमारे जाने की कोई व्यवस्था नहीं की गई। इस कारण मजबूरी में जोधपुर से पाली पैदल आ गए। अब हम दो दिन से यहां भटक रहे हैं। आगे भी नहीं जाने दे रहे।
जोधपुर से जा रही खारी बाई बोली कि रास्ते में खाने को नहीं मिल रहा है। यूं तो कुछ सामग्री हम साथ लाए थे। इस कारण अभी काम चल रहा है, लेकिन सच यह है कि भर पेट खाना नहीं मिल रहा। मजदूरी से जो पैसे जमा किए थे। वे भी बहुत कम रह गए है। समझ नहीं आ रहा मंदसौर कब पहुंचेंगे।