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स्त्री रोग विशेषज्ञ के आभाव में पुरुष चिकित्सको से इलाज करने को मजबूर महिलाएं

locationपालीPublished: Sep 18, 2018 11:45:07 am

Submitted by:

Jyoti Patel

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स्त्री रोग विशेषज्ञ के आभाव में पुरुष, चिकित्सको से इलाज करने को मजबूर महिलाएं

निमाज/पाली. भले ही दुनिया की आधी आबादी को लेकर लाख दावे किए जाते हो, लेकिन आधी आबादी के लिए आज भी गांवो व शहरों में सुविधाएं सम्पूर्ण नही हैं। पाली जिले की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत निमाज के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र समेत पूरे उपखण्ड में चिकित्सकों के पद रिक्त है। जैतारण उपखण्ड क्षेत्र की आधी आबादी के लिए एक मात्र स्त्री रोग विशेषज्ञ व पूरे उपखण्ड में मात्र दो महिला चिकित्सक नियुक्त हैं। ऐसे में महिलाओं के लिए प्रसव व अन्य बीमारियों के इलाज के लिए पुरुष चिकित्सको व नर्सिंग कर्मियों के भरोसे रहना पड़ता है।
पुरुष चिकित्सको से इलाज करवाने के अलावा उनके पास कोई चारा ही शेष नही रहता हैं। कई बार नर्सिंग स्टाफ ही प्रसव कराते हैं। कई बार तो महिलाएं शर्म में मारे चिकित्सको से इलाज न करवाने के कारण बीमारी को बढ़ावा दे देती हैं। स्थिति जब अधिक बिगड़ जाती हैं तो जोधपुर, ब्यावर या बड़े बड़े चिकित्सालय जाना मजबूरी बन जाती हैं। सेन्सस 2011 के अनुसार जैतारण उपखण्ड में 114008 पुरुष, 112768 महिलाये है। 3 सीएचसी व 15 पीएचसी होने के बावजूद एक मात्र गायनिक जैतारण सीएचसी में एव दो महिला चिकित्सक रास व बलुन्दा में कार्यरत हैं। निमाज व रास सीएचसी में गायनिक के पद रिक्त हैं। निमाज के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर एक एसएमओ, जेएस गायनिक, जेएस फिजिशियन के पद रिक्त हैं। फार्मासिस्ट, एलटी, लैब असिस्टेंट के दो, टेकनीकल असिस्टेंट के अलावा पाँच चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद रिक्त हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 20 वर्षो पूर्व लगी एक्सरे मशीन पिछले कई दिनों से नाकारा हालात में पड़ी हैं।
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