पुरुष चिकित्सको से इलाज करवाने के अलावा उनके पास कोई चारा ही शेष नही रहता हैं। कई बार नर्सिंग स्टाफ ही प्रसव कराते हैं। कई बार तो महिलाएं शर्म में मारे चिकित्सको से इलाज न करवाने के कारण बीमारी को बढ़ावा दे देती हैं। स्थिति जब अधिक बिगड़ जाती हैं तो जोधपुर, ब्यावर या बड़े बड़े चिकित्सालय जाना मजबूरी बन जाती हैं। सेन्सस 2011 के अनुसार जैतारण उपखण्ड में 114008 पुरुष, 112768 महिलाये है। 3 सीएचसी व 15 पीएचसी होने के बावजूद एक मात्र गायनिक जैतारण सीएचसी में एव दो महिला चिकित्सक रास व बलुन्दा में कार्यरत हैं। निमाज व रास सीएचसी में गायनिक के पद रिक्त हैं। निमाज के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर एक एसएमओ, जेएस गायनिक, जेएस फिजिशियन के पद रिक्त हैं। फार्मासिस्ट, एलटी, लैब असिस्टेंट के दो, टेकनीकल असिस्टेंट के अलावा पाँच चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के पद रिक्त हैं। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में 20 वर्षो पूर्व लगी एक्सरे मशीन पिछले कई दिनों से नाकारा हालात में पड़ी हैं।
Read more : छुट्टियों में मशगूल कौन सा नगर निगम भूल गया प्रधानमंत्री की घोषणा, पीएम की घोषणा के 5 दिन बाद कहां शुरू होगा स्वच्छता अभियान, जानिए Read more : महापड़ाव में जुटे विद्युत कर्मचारी, घबराए प्रशासन ने अवकाश पर लगाई रोक, विद्युत आपूर्ति गड़बड़ाने की आशंका
Read more : फिरौती नहीं मांगी, बोले- इतना ही पैसा रखते हो