जहां सरसब्ज बागों का दिखाया था ख्वाब, वहां सूखी घास तक नहीं उगी....पढ़े खबर
पिछले तीन बजट में सरकार ने घोषणाएं तो बहुत की, लेकिन धरातल पर नहीं उतरी

पाली. राज्य की भाजपा सरकार ने पिछले तीन बजट में कई घोषणाएं कर जिले के लोगों को सरसब्ज बागों के ख्वाब दिखाए, तो लोगों को केन्द्र व राज्य में एक ही पार्टी की सरकार होने से जिले के प्रगति के पथ पर दौडऩे की उम्मीद भी जगी। केन्द्र व राज्य में जिले के दो मंत्री और एक उप मुख्य सचेतक बनने से घोषणाओं के पूरा होने में कोई संशय भी नहीं रह गया था, लेकिन हुआ इसका उल्टा। सरसब्ज बाग तो दूर, वहां सूखी घास तक नहीं उगी। जिले के सबसे बड़े कपड़ा उद्योग के लिए जेडएलडी की घोषणा तो 2016-17 के बजट में हुई थी। वह भी आज तक पूरी नहीं हो सकी है। ऐसा ही हाल उस समय हुई चार अन्य बजट घोषणा में भी दिख रहा है। जबकि, सरकार के नुमाइंदों की बात करें तो वे जिले में विकास की गंगा बहाने का दावा कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर उन दावों का प्रचार करने में भी पीछे नहीं रह रहे। राजस्थान पत्रिका ने जब तीन बजट की घोषणाओं को देखा तो ये स्थिति सामने आई, जो आपके सामने है...
बजट 2015-16 की घोषणाएं व उनका हश्र
जेडएलडी की घोषणा :
प्रदूषण की मार झेल रहे कपड़ा उद्योग के लिए ट्रीटमेंट प्लांट संख्या पांच व छह को जेडएलडी करने के लिए 100 करोड़ रुपए की घोषणा हुई थी। इसकी स्वीकृति भी मिल गई। केन्द्र सरकार ने इसके लिए साढ़े सात करोड़ की अपनी किस्त की राशि भी जारी कर दी, लेकिन कार्य नहीं हो सका। इस कारण अब यह राशि भी लेप्स होने वाली है। इधर, प्रदूषण के कारण नौ माह तक पाली का कपड़ा उद्योग बंद रहा। इस कारण कुछ उद्यमियों ने तो मजबूरी में अन्य शहरों में प्लांट शुरू कर दिए। जो यहां रह गए वे अब रोस्टर प्रणाली में 12 एमएलडी पानी छोडऩे की शर्त पर कार्य कर रहे हैं।
महाराणा प्रताप जन्म स्थली विकास :
पाली की जुनी कचहरी को महाराणा प्रताप की जन्म स्थली माना जाता है। यहां राजस्थान पत्रिका के प्रयासों से महाराणा प्रताप की प्रतिमा तो स्थापित हो गई। इस जगह के विकास के लिए बजट में आश्वासन दिया गया था, लेकिन धरातल पर हुआ कुछ नहीं। आज भी जुनी कचहरी उपेक्षा की शिकार है।
थानों में लगने थे सीसीटीवी कैमरे :
जिले के थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की घोषणा भी आज तक पूरी नहीं हो सकी है। पाली की शहर कोतवाली, महिला थाना, औद्योगिक थाना के साथ जिले के अन्य थाने भी सीसीटीवी कैमरे लगने की बाट ही जोह रहे हैं।
400 केवी जीएसएस :
ऊर्जा राज्य मंत्री हमारे जिले की बाली विधानसभा क्षेत्र से है। इसके बावजूद इस बजट में घोषित 400 केवी का जीएसएस आज तक नहीं मिल सका है। ऐसे में आज भी लोगों को पुराने जीएसएस से ही बिजली आपूर्ति हो रही है।
वर्ष 2016-17 की घोषणाओं का हाल
जनवाई पुनर्भरण :
इस वर्ष में सरकार की ओर से पाली के लिहाज से महज एक बड़ी घोषणा जवाई पुनर्भरण की हुई थी। इस घोषणा से जिलेवासियों को आस जगी कि जिले में पानी की किल्लत नहीं होगी। जिलेवासियों को भूमिगत फ्लोराइडयुक्त पानी से निजात मिलेगी। इसके लिए सर्वे का बजट तो घोषित हुआ, लेकिन कछुआ चाल के कारण इस मामले में भी कुछ नहीं हो रहा है। ये तो इन्द्र की मेहर रही कि लगातार दो वर्ष से अच्छी बरसात के कारण जवाई पूरा भर रहा है, अन्यथा जिलेवासियों की प्यास बुझाने लायक पानी तक नहीं बचता। ऐसे हालात दो वर्ष पहले पैदा भी हो गए थे। पाली शहर में ट्रेने से पानी मंगवाने के लिए रैक भी जोधपुर पहुंच गई थी, लेकिन उसी समय इन्द्र ने मेहर बरसा दी और जवाई भर गया।
वर्ष 2017-18 की घोषणाएं जो रह गई अधूरी
लैपर्ड कंजर्वेशन में आईटी सिक्योरिटी सिस्टम लगाना :
जिले के लैपर्ड कंजर्वेशन क्षेत्र में सुरक्षा के लिहाज से आईटी सिक्योरिटी सिस्टम लगाने की घोषणा की गई थी। जो अब तक पूरी नहीं हुई है। इधर, इस कंजर्वेशन को नाम तो दे दिया गया, लेकिन सुविधाओं व वन्य जीवों की सुरक्षा व संरक्षण को लेकर कोई कदम नहीं उठाया गया। हालात यह है कि अवैध रूप से जंगल में इंसानी गतिविधियां बढ़ रही है। इस कारण पैंथर अपनी जगह छोड़ रहे हैं।
सड़कों का नहीं हुआ निर्माण :
बजट में बाली से पिण्डवाड़ा तक 55 किमी की सड़क बनाने की घोषणा की गई थी। इसकी स्वीकृति तो जारी कर दी गई। इसके बावजूद ऊर्जा मंत्री का क्षेत्र होने पर भी यहां धरातल पर कार्य शुरू नहीं हो सका है। ऐसा ही हाल साण्डेराव-मुण्डारा की 29 किमी सड़क का है। जो फालना, बाली, सादड़ी आदि के साथ उदयपुर जाने का भी प्रमुख मार्ग है।
मेडिकल कॉलेज भी नहीं हुई शुरू
जिले को मिलने वाली सबसे बड़ी सौगात मेडिकल कॉलेज की घोषणा तो कांग्रेस के शासनकाल में हुई थी। बीजेपी ने भी इसे पूरा कराने का भरोसा दिलाया, लेकिन जिले में मेडिकल कॉलेज आज तक शुरू नहीं हो सका है। एमसीआई की टीम कई बार निरीक्षण के लिए आ चुकी है। लेकिन, कमियों के कारण इसे मान्यता नहीं दे रही।
थोथी घोषणाएं करने में माहिर
भाजपा की यह सरकार थोथी घोषणा करने में माहिर है। कांगे्रस ने मेडिकल कॉलेज की घोषणा की, यह सरकार उसे भी आज तक पूरा नहीं कर सकी है। प्रदूषण का दंश पाली आज तक झेल रहा है। उद्यमी और किसानों दोनों दुखी है। जवाई के अलावा पानी का अन्य विकल्प नहीं होने के बाद उसके पुनर्भरण को लेकर प्रयास नाम मात्र के हो रहे हैं। रोहट में पेयजल टंकियां बनाई, लेकिन पानी आज तक नहीं पहुंचा है। यह सरकार कार्यों की मॉनिटरिंग भी ढंग से नहीं कर पाई है।
भीमराज भाटी, पूर्व विधायक
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