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पाली

निजी बस संचालकों की चालाकी से रोडवेज परेशान

– निजी बस संचालक निर्धारित रूट छोड़ हाइवे व बस स्टैंड के नजदीक से उठा रहे सवारियां
Roadways losses from private buses : – पाली-फालना डिपो को हो रहा प्रतिदिन डेढ़ लाख का नुकसान

पालीAug 02, 2019 / 03:52 pm

Suresh Hemnani

Loss of roadways by changing route of private bus operators in Pali

निजी बस संचालकों की चालाकी से रोडवेज परेशान

पाली। Roadways losses from private buses : पाली-फालना रोडवेज डिपो को प्रतिदिन डेढ़ लाख रुपए से अधिक का राजस्व नुकसान उठाना पड़ रहा है। लेकिन नियम विरुद्ध चल रही निजी बसों पर अंकुश लगाने को लेकर परिवहन विभाग कोई सख्त कदम नहीं उठा पा रहा। आलम यह है कि अपना निर्धारित रूट छोडकऱ अधिकतर निजी बस संचालक रोडवेज डिपो व बस स्टैंड के निकट से सवारियां उठा रहे है। इसको लेकर कई बार रोडवेज प्रबंधन ने परिवहन विभाग को पत्र भी लिखा, लेकिन परिवहन विभाग ने कुछ नहीं किया।
चिंता की बात तो ये है कि बिना लाभ-हानि में बसें संचालित करने के लिए पाली डिपो को प्रतिदिन 8.32 लाख की आय चाहिए, तो फालना डिपो को 5.82 लाख रुपए की आय। लेकिन, वर्तमान में दोनों ही डिपो को प्रतिदिन करीब डेढ़ लाख रुपए की आय कम अर्जित हो रही है।
लक्ष्य नहीं हो पा रहा पूरा
पाली डिपो की मुख्य प्रबंधक स्वाति मेहता ने बताया कि मुख्यालय से प्रतिदिन 26903 किलोमीटर बसें संचालित कर 8.32 लाख रुपए की आय अर्जित करने का लक्ष्य मिला है। 31 जुलाई को डिपो की बसें 24400 ही चली। जिससे दिए गए 6.70 लाख रुपए की ही आय हुई जो लक्ष्य से 1.62 लाख कम है। फालना डिपो की मुख्य प्रबंधक रुचि पंवार ने बताया कि मुख्यालय से प्रतिदिन 18516 किलोमीटर बसें संचालित कर 5.82 लाख रुपए आय अर्जित करने का लक्ष्य है। 31 जुलाई को डिपो की बसें 15195 किलोमीटर चली। जिससे 4.28 लाख रुपए की आय हुई जो मुख्यालय से दिए गए लक्ष्य से 1.54 लाख रुपए कम है।
समझें, ऐसे हो रहा रोडवेज को नुकसान
– निजी बस संचालक रोडवेज बस डिपो के निकट से ले रहे सवारियां। लेकिन, परिवहन विभाग मौन।
– पाली डिपो में 126 परिचालकों के पद स्वीकृत है। इनमें से 40 कम है तथा 15 बुकिंग कार्य में लगे है। ऐसे में रूट पर 71 परिचालक ही ड्यूटी दे रहे है। फालना डिपो में परिचालकों के 84 पद स्वीकृत है, लेकिन 45 ही कार्यरत है। उनमें से भी सात बुकिंग व ऑफिस ड्यूटी में लगे है।
– पाली डिपो में 67 में से 11 व फालना डिपो की 48 गाडिय़ों में से 26 गाडिय़ां ही रूट पर दौड़ रही है। उनमें से भी सात गाडिय़ां ऑफ रूट है।
– पाली-फालना डिपो में समय पर गाडिय़ों की मरम्मत नहीं होना भी इसका प्रमुख कारण है।

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