दरअसल, मुंबई के पालघर में रहने वाली महिला होली का त्योहार मनाने अपने पीहर पाली जिले के जैतारण के कुडक़ी क्षेत्र में आई थी। वह यहां से वापस जाने की तैयारी में थी कि लॉकडाउन हो गया। इससे वह यहां फंस गई। महिला एमडीआर की मरीज है। पिछले 10 सालों से मुंबई में ही रह रही है। महिला की एमडीआर की दवाइयां भी इसी दौरान खत्म हो गई। जो कि जीवनरक्षा के लिए जरूरी थीं। जिसकी लागत हजारों में होती है और बाजार में उपलब्ध नहीं होती है। ऐसे में महिला समेत उसके परिजनों की चिंता बढ़ गई। इसी दौरान महिला ने डॉट सेंटर मुंबई से सम्पर्क साधा। खुद के राजस्थान में रहने की सूचना दी।
ऐसे पहुंची महिला तक दवाइयां
महिला ने डॉट सेंटर मुंबई को फोन लगाया। तब मुंबई के कोर्डिनेटर ने डब्ल्यूएचओ कंसलटेंट राजस्थान से सम्पर्क स्थापित किया। उन्होंने वहां से टीबी क्लीनिक पाली को मरीज के बारे में सूचना दी। वहां पर जिला क्षय अधिकारी एवं डीटीसी पाली ने जैतारण ब्लॉक की टीबी यूनिट निमाज को मरीज की सूचना देकर निमाज तक दवाइयां उपलब्ध करवाई। जहां से महिला, पाली व मुम्बई से संवाद स्थापित किया गया। बाद में बीसीएमओ डॉ. ओमप्रकाश चौधरी के निर्देशानुसार टीबी यूनिट के एसटीएस अब्दुल मन्नान ने साठ किलोमीटर दूर कुडक़ी पहुंच महिला मरीज को दवाइयां उपलब्ध कराई, साथ ही महिला को दवाइयों को लेकर आवश्यक निर्देश दिए।
महिला ने डॉट सेंटर मुंबई को फोन लगाया। तब मुंबई के कोर्डिनेटर ने डब्ल्यूएचओ कंसलटेंट राजस्थान से सम्पर्क स्थापित किया। उन्होंने वहां से टीबी क्लीनिक पाली को मरीज के बारे में सूचना दी। वहां पर जिला क्षय अधिकारी एवं डीटीसी पाली ने जैतारण ब्लॉक की टीबी यूनिट निमाज को मरीज की सूचना देकर निमाज तक दवाइयां उपलब्ध करवाई। जहां से महिला, पाली व मुम्बई से संवाद स्थापित किया गया। बाद में बीसीएमओ डॉ. ओमप्रकाश चौधरी के निर्देशानुसार टीबी यूनिट के एसटीएस अब्दुल मन्नान ने साठ किलोमीटर दूर कुडक़ी पहुंच महिला मरीज को दवाइयां उपलब्ध कराई, साथ ही महिला को दवाइयों को लेकर आवश्यक निर्देश दिए।
धन्यवाद का पात्र का चिकित्सा महकमा
महिला के भाई ने बताया कि दवाइयां खत्म होने पर हमारी चिंता बढ़ गई, लेकिन समय रहते चिकित्सा विभाग ने निमाज से यहां दवाइयां उपलब्ध कराई। चिकित्सक व चिकित्सा विभाग वाकई धन्यवाद का पात्र है।
महिला के भाई ने बताया कि दवाइयां खत्म होने पर हमारी चिंता बढ़ गई, लेकिन समय रहते चिकित्सा विभाग ने निमाज से यहां दवाइयां उपलब्ध कराई। चिकित्सक व चिकित्सा विभाग वाकई धन्यवाद का पात्र है।
20 दिनों बाद वापस लेंगे जानकारी
एसटीएस ने बताया कि महिला को 20 दिन की दवाइयां उपलब्ध करवाई गई है । अगर 20 दिनों बाद भी महिला को दवाइयों की जरूरत पड़ी तो निर्देशानुसार महिला को दवाइयां उपलब्ध करवाई जाएंगी।
एसटीएस ने बताया कि महिला को 20 दिन की दवाइयां उपलब्ध करवाई गई है । अगर 20 दिनों बाद भी महिला को दवाइयों की जरूरत पड़ी तो निर्देशानुसार महिला को दवाइयां उपलब्ध करवाई जाएंगी।