यहां पानी के नाम पर यूं ठगे जा रहे उपभोक्ता, पढ़ें पूरी खबर...
-अभियान : 24 घंटे पानी के नाम पर गड़बड़झाला
-आरयूआइडीपी की ओर से थमाए जा रहे अधिक पानी उपभोग के बिल
-जवाई बांध से आज भी उतना ही पानी लिया जा रहा, जितना ले रहे थे पहले

पाली। आरयूआइडीपी की ओर से 24 घंटे जलापूर्ति के नाम पर उपभोक्ताओं से मनमानी राशि के बिल वसूल किए जा रहे हैं। इसमें तर्क मीटर रीडिंग देखकर बिल देने का दिया जा रहा है। जबकि पानी का गणित देखें तो जवाई से लिए जाने वाले पानी की मात्रा में कोई अंतर नहीं है। पाली शहर की 2.50 लाख से अधिक की जनसंख्या के लिए पहले जलदाय विभाग की ओर से रोजाना करीब 35 एमएलडी पानी आपूर्ति की जाती थी। यह आपूर्ति करीब 41-42 हजार कनेक्शन के माध्यम से हो रही थी। अब करीब 45 हजार से अधिक कनेक्शन के माध्यम से पानी दिया जा रहा है। पानी की मात्रा भी 35 से 40 एमएलडी ही है। यदि पहले के समान ही अब तक 35 एमएलडी पानी का उपयोग किया जा रहा है तो सवाल उठता है कि लोगों का उपभोग कैसे बढ़ गया।
उपभोक्ताओं की संख्या में वृद्धि
आरयूआइडीपी की ओर से 24 घंटे पेयजल आपूर्ति की पाइप लाइन बिछाने के बाद शहर के कई बंद व अवैध कनेक्शन को फिर से शुरू किया गया। कई ऐसे लोग थे, जिन्होंने कनेक्शन नहीं लिया था और पानी भर रहे थे। उनको भी सूचारू किया। इससे कनेक्शन की संख्या बढकऱ 45 हजार से अधिक हो गई है। ऐसे में पानी की मात्रा भी बढ़ी। जो अब 35 से 40 के बीच हो गई है।
15 हजार लीटर तक फ्री
जलदाय विभाग की ओर से 15 हजार लीटर तक पानी फ्री दिया जाता है। यह नियम आरयूआइडीपी पर भी लागू होता है। इसमें शर्त यह है कि मीटर चालू होना चाहिए। जबकि पहले जलदाय विभाग के अधिकांश मीटर बंद थे। इस विभाग की ओर से औसत उपभोग के आधार पर बिल दिए जाते थे। इसमें प्रति व्यक्ति 135 लीटर पानी दिया जाता था। अब भी मात्रा वही दी जा रही है। वह भी पूर्व की भांति एकांतरे।
मीटर से जनरेट हो रहे बिल
पानी के बिल मीटर से जनरेट हो रहे हैं। जो लोग अधिक उपभोग कर रहे हैं। उनका बिल अधिक आ रहा है। सभी लोगों का बिल अधिक नहीं है। -वीरेन्द्रसिंह, सहायक अभियंता, जलदाय विभाग, पाली
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