कई महिलाएं ताप घाट से पीडि़त हो चुकी हैं। आठ किलोमीटर दूर मनरेगा कार्य स्थल पर करीब 120 व 130 श्रमिकों के मस्टरोल हैं। गर्मी व दूरी अधिक होने से वर्तमान में 90 श्रमिक ही कार्यरत हैं। ये सभी श्रमिक सुबह पैदल अपने कार्यस्थल पर मजदूरी के लिए जाते हैं। निर्धारित नाप के कार्य करते हैं तो इनकी हालत बहुत ही खराब हो जाती है। पूर्व मेट प्रकाश भट्ट व मांगूसिंह ने बताया कि कई महिलाएं श्रमिक तो बीमार हो जाती हैं।
इस दौरान कार्यस्थल पर मास्क पहनना, सामाजिक दूरी और स्वच्छता मानकों का पालन भी कठिनता से किया जा रहा है। अधिकारियों को इस समस्या से अवगत कराया गया है कि गर्मी के मौसम में कस्बे के नजदीक ही कार्यस्थल कर दिया जाए। पिछले कई दिनों से केवल आश्वासन से ही काम चलाया जा रहा है। इसको कोरोना संकट में आर्थिक मजबूरी ही है कि श्रमिक मजदूरी में कार्य में लगे हुए हैं।
प्रस्ताव भिजवाया है
श्रमिकों की इस शिकायत पर नजदीक के स्थान के लिए मैंने प्रपोजल बनाकर भेजा है। जिसकी स्वीकृति आने वाली है। हम जल्दी ही कस्बे के नजदीक आखण्डी व भक्तावा नाडा मनरेगा कार्य स्थल पर कार्य शुरू करवा देंगे। –नेमाराम सीरवी, सहायक अभियंता, मनरेगा योजना, सोजत।
श्रमिकों की इस शिकायत पर नजदीक के स्थान के लिए मैंने प्रपोजल बनाकर भेजा है। जिसकी स्वीकृति आने वाली है। हम जल्दी ही कस्बे के नजदीक आखण्डी व भक्तावा नाडा मनरेगा कार्य स्थल पर कार्य शुरू करवा देंगे। –नेमाराम सीरवी, सहायक अभियंता, मनरेगा योजना, सोजत।