रोहट-सरदारसमंद के आसपास आइटीआइआर के लिए निर्धारित मापदण्ड के अनुसार 22 हजार एकड़ भूमि चिन्ह्ति की जा चुकी है। तत्कालीन पाली जिला कलक्टर द्वारा दो चरणों में आवंटन के लिए भूमि का चयन किया गया था। इसके बाद केन्द्रीय इलेक्ट्रॉनिक मंत्रालय स्तर पर कई दौर की बैठकें भी हुई। विभिन्न स्तर पर समीक्षा करने के बाद पार्क की डीपीआर भी बनाई जा चुकी है। पिछले सवा तीन साल से यह प्रोजेक्ट ठंडे बस्ते में है।
आइटीआर पार्क के लिए पाली क्यों उपयुक्त
-सरकार के पास एक ही जगह 9 हजार बीघा जमीन उपलब्ध है।
-सरकारी भूमि उपलब्ध होने के कारण अवाप्ति के लिए मुश्किल प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ेगा।
-जोधपुर एयरपोर्ट, तीन हाइवे, डीएमआइसी कोरीडोर से भी आसान कनेक्टिविटी है।
-पाली व जोधपुर शहर से भी निकटता का लाभ मिलेगा।
चीनी से आ रही कंपनियों के लिए भी मुफीद
कोरोना महामारी के बाद से विभिन्न अन्य देशों की बड़ी कंपनियां चीन में खुद को असुरक्षित मान रही है। इनका रुझान भारत की तरफ है। भारत में निवेश करने वाली कंपनियों के लिए आइटीआइआर पार्क मुफीद माना जा रहा है। यह पार्क जोधपुर संभाग ही पूरे प्रदेश की किस्मत बदलने में कारगर साबित हो सकता है।
लाखों प्रवासियों को मिल सकता है रोजगार
कोरोना महामारी के बाद विभिन्न राज्यों से पलायन कर लौटे लाखों प्रवासी श्रमिकों के रोजगार को लेकर संकट खड़ा हो गया है। अकेले, पाली, जालोर व सिरोही जिलों में पांच लाख प्रवासी पिछले एक माह में घर लौटे हैं। इनमें कई ऐसे भी श्रमिक है जो अब दोबारा दूसरे राज्यों में नौकरी के लिए नहीं जाना चाहते। उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार की तलाश है। ऐसे में आइटीआइआर पार्क रोजगार का बड़ा केन्द्र बन सकता है, जिसमें पूरे जोधपुर संभाग के लोगों को रोजगार मिल सकेगा।
ये सीधा फायदा
-12 लाख प्रत्यक्ष औरा 28 लाख अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार उत्पन्न हो सकेगा।
-भारत में प्रतिवर्ष 4 लाख करोड़ के इलेक्ट्रोनिक्स उत्पाद आयात किए जाते हैं। इसमें 70 हजार करोड़ के मेडिकल इलेक्ट्रोनिक्स पर कन्ट्रोल कर विदेशी मुद्रा कोष को बचाया जा सकेगा।
-भारत की अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए इंधन का काम करेगा।
-प्रदेश को आइटीआइआर डवलपमेंट चार्जेज के रूप में 25 हजार करोड़ से अधिक की धनराशी मिल सकेगी।
बदल सकती है प्रदेश की तस्वीर
आइटीआइआर पार्क प्रदेश की तस्वीर बदल सकता है। लाखों लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलेगा। प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री को पूरे प्रोजेक्ट से अवगत कराया है। सरकार इसे गंभीरता से ले तो यह न केवल रोजगार का बड़ा केन्द्र होगा, बल्कि प्रदेश की आर्थिक मजबूती में भी सहायक होगा। –पीपी चौधरी, सांसद