मिर्ची बड़ों व कचौरी-समोसे का स्वाद चखने की आतुरता कोरोना वायरस के संक्रमण पर भी भारी रही। बांगड़ चिकित्सालय के सामने ही दुकानें खुलने पर अस्पताल के कार्मिक सीधे वहां पहुंचे और मिर्ची बड़ा खरीदा। जिसे अस्पताल ले जाकर खाया। वहीं कलक्ट्रेट से भी कार्मिक खरीदने के लिए पहुंचे। वे भी कचौरी व मिर्ची बड़ा लेकर सीधे कलक्ट्रेट या ऑफिस ही गए।
मिर्ची बड़ा खरीदने सूरजपोल पहुंचने वाले लोग उसके साथ गुलाब हलवा ले जाना भी नहीं भूले। लोगों ने पहले सूरजपोल व अम्बेडकर सर्किल से हलवा लिया। इसके बाद गर्मा-गर्म मिर्ची बड़े।
मिर्ची बड़े व हलवा खाने की पिछले कई दिनों से तलब हो रही थी, लेकिन दुकानें खुली नहीं थी। घर पर मिर्ची बड़े एक बार बनाए थे, पर स्वाद ऐसा नहीं आया। आज पता लगते ही मिर्ची बड़ा व हलवा लेने आया हूं। –मनोज, ग्राहक
मैं मिर्ची बड़ा तो नहीं, लेकिन रोजाना कचौरी जरूर खाता था। आज पता लगा कि दुकान खुल गई है तो खुद को रोक नहीं सका और सीधे खरीदने आ गया। आज परिवार के साथ बैठकर खाने का आनन्द लूंगा। –करण, ग्राहक