पुलिस अधीक्षक राहुल कोटोकी के अनुसार सदर थाना क्षेत्र के सोनाई मांझी निवासी सवाराम पुत्र पुखाराम सीरवी, उसका भाई शेषाराम सीरवी पूना में व्यवसाय करते है। शेषाराम की पत्नी सीता देवी भी पूना में रहती थी। सीता देवी का पुत्र भावेश (11) व पुत्री रिंकू (16) भी पूना ही अपने माता-पिता के साथ रहते थे। ढाई माह पूर्व रिंकू पुत्री शेषाराम किसी मराठा युवक के साथ शादी की नीयत से भाग गई थी। पुलिस ने उसे दस्तयाब कर कोर्ट में बयान करवाए। लेकिन किशोरी ने युवक के साथ ही जाने की इच्छा जताई। लेकिन किशोरी के नाबालिग होने के कारण उसे माता-पिता को सुपुर्द कर दिया गया। रिंकू की मां व काका सेवाराम इस बात से नाराज थे। उन्होंने रिंकू के हत्या की साजिश रची। इस पर गत 19 मार्च को रिंकू, उसके भाई भावेश को लेकर सीता व सवाराम अपने गांव सोनाई मांझी आ गए। आते ही उन्होंने भावेश को अपने ननिहाल सोडावास भेज दिया। शाम करीब सात बजे सीता अपने देवर सवाराम के साथ मिलकर बेटी रिंकू को लेकर बेरे पर गए। वहां रिंकू का गला घोंटकर हत्या कर दी और शव जलाने का प्रयास किया, जब शव आधा ही जला तो उसके एक कट्टे में डालकर जमीन में गाड़ दिया।
मामले की जानकारी एक दिन पूर्व सदर थानाधिकारी भंवर पटेल को लगी। इस पर पुलिस ने खुद मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने मृतका की मां सीता देवी से पूछताछ की तो राज खुल गया। पुलिस ने अपना विशेष दल नासिक भेजकर आरोपी सेवाराम को भी दस्तयाब किया। आरोपी सीता देवी व देवर सेवाराम को गिरफ्तार कर लिया गया। एसपी कोटोकी, एएसपी मेघवाल ने मौका मुआयना किया। मृतका का जमीन में गड़ा शव बाहर निकाला गया और मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया गया।