थानाधिकारी अमृत सोनी ने बताया कि अरटिया निवासी बबलु पुत्र पेमाराम प्रजापत ने रिपोर्ट दी कि पांच जून को पत्त्नी रेखा, भाई सम्पत, भाभी सीता व माता-पिता घर पर थे। दोपहर को भाई भाभी छत पर तथा माता-पिता खेत में चले गए। उसकी नौ माह की बेटी घर पर ही थी, जिसे पालने में सुला दिया। आरोप लगाया कि उसकी पत्नी रेखा ने कुछ देर बाद बताया कि मासूम बेटी पालने में नहीं है। ये बात सुनकर भाई-भाभी तलाश में जुट गए। मोहल्लेवासियों ने भी तलाशा। तब उसकी पत्नी ने पानी की टंकी में ढूंढने की बात कही। पानी के ड्रम टंकी के ऊपर पानी का कलश भरा हुआ पड़ा था। जब उसे हटाकर टंकी में देखा तो नौ माह की बेटी उसमें मृत मिली।
रिपोर्ट में बताया कि सामाजिक रीति रिवाज से बच्ची को दफना दिया। आरोप लगाया कि जब उसकी पत्नी से पूछताछ की तो वह ढंग से जवाब नहीं दे पाई। इसके बाद आठ जून को ससुराल पक्ष के लोग पहुंचे और उसकी पत्नी को पीहर ले गए। मृतका के पिता ने अपनी पत्नी रेखा पर शक के आधार पर हत्या का मामला दर्ज करने की रिपोर्ट दी, जिस पर पुलिस ने उपखंड अधिकारी के आदेश पर शुक्रवार को अरटिया गांव में पहुंचकर दफनाया हुआ बच्ची का शव बाहर निकाला और मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाकर शव वापस दफना दिया।