टरसिटी ट्रेन की चपेट में आने से महिला की मौत हो गई। जबकि पूरी ट्रेन गुजर जाने के बाद भी डेढ़ वर्षीय मासूम को खरोंच तक नहीं आई। मासूम बच्चा मां के क्षत-विक्षत शव से लिपट कर रोता रहा। रोने की आवाज सुनकर कुछ ग्रामीण मौके पर पहुंचे तथा पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने शव ब्यावर अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया। बच्चे को नानी को सौंपा।
सेंदड़ा थानाप्रभारी विष्णुदत्त राजपुरोहित ने बताया कि ब्यावर सिटी थाना क्षेत्र के बाडिय़ा श्यामा निवासी मदीना (37) पत्नी हनीफ खान तीन दिन पहले अपने डेढ़ वर्षीष पुत्र अयूब को लेकर ससुराल अजमेर जिले के सतना (विजयनगर) से बाडिय़ा श्यामा गांव अपनी मां के यहां आई थी। मदीना के तीन पुत्रियां भी हैं जिन्हें वह ससुराल ही छोड़ आई थी।
मंगलवार शाम को अपनी मां को ससुराल जाने का कह कर वह अपने पीहर से महज एक किलोमीटर दूर अमरपुरा स्टेशन के पास पहुंची और शाम करीब छह बजकर 50 मिनट पर इंटरसिटी ट्रेन को आता देखते पटरी पर अपने डेढ़ वर्षीय मासूम के साथ लेट गई। ट्रेन की चपेट में आने से मदीना की मौके पर ही मौत हो गई। लेकिन पटरियों के बीच में लेटा डेढ़ वर्षीय मासूम अयूब को खरोंच तक नहीं आई। ट्रेन चालक की सूचना पर सेंदड़ा पुलिस व ब्यावर जीआरपी पुलिस मौके पर पहुंची।
ऊंचाई के कारण बच गया मासूम मासूम को मदीना ने पटरियों के बीच अपने पास लेटा रखा था। लेकिन ट्रेन व पटरियों के बीच ऊंचाई रहने के कारण मासूम बच गया। जानकारी के अनुसार मदीना का पति बेरोजगार है। पुलिस के अनुसार आर्थिक तंगी से परेशान होकर मदीना द्वारा यह कदम उठाया जाना बताया गया है।