scriptVIDEO: जिस युवक का खून हुआ वह सात माह बाद जिंदा लौटा | murdered person came alive after 7 months | Patrika News

VIDEO: जिस युवक का खून हुआ वह सात माह बाद जिंदा लौटा

locationपालीPublished: Sep 12, 2017 10:42:59 am

Submitted by:

Avinash Kewaliya

सात माह पूर्व एक युवक घर से बिना बताए निकल गया। परिजनों ने पड़ोसी परिवार के १२ लोगों के खिलाफ अपहरण कर हत्या का मामला दर्ज करवा दिया

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murdered person came alive

पाली.

सात माह पूर्व एक युवक घर से बिना बताए निकल गया। परिजनों ने पड़ोसी परिवार के १२ लोगों के खिलाफ घर में घुसकर उनके बेटे का अपहरण कर हत्या का मामला दर्ज करवा दिया। पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुट गई, लेकिन युवक नहीं मिला। शनिवार सुबह अचानक युवक नहर पुलिए पर नजर आया तो पीडि़त पक्ष की सूचना पर पुलिस उसे पकड़कर थाने ले गई। उसने बताया कि पिता की प्रताडऩा से परेशान होकर वह बिना बताए घर से निकल गया था। इधर, युवक के उस परिवार ने भी राहत की सांस ली। जिनके खिलाफ मारपीट, अपहरण व हत्या का मामला दर्ज था।
कोतवाल गंगाराम खावा ने बताया कि 10 फरवरी 2017 की रात को इन्दिरा कॉलोनी निवासी रविप्रकाश (30) पुत्र मीठालाल जोशी घर से बिना बताए निकल गया। मीठालाल ने पड़ोसी भैरूलाल, पूनाराम, रामचंद्र पुत्र किशनलाल दमामी सहित उनके परिवार के 12 जनों के खिलाफ घर में घुसकर मारपीट, रविप्रकाश के अपहरण व हत्या करने मामला दर्ज कराया। मामले में पुलिस युवक की तलाश करती रही, लेकिन उसका कोई सुराग नहीं लगा।
शनिवार सुबह अचानक वह नहर पुलिया चौराहे पर नजर आया। सूचना पर कोतवाली पुलिस उसे पकड़कर थाने लाई। जिसने बताया कि पिता की प्रताडऩा से परेशान होकर वह घर से निकल गया था।
फुटपाथ पर सोया, मांग कर खाना खाया

रविप्रकाश ने पुलिस को बताया कि वह पाली से रवाना होकर गुजरात, महाराष्ट्र होते हुए इंदौर पहुंच गया। ये सात माह उसने फुटपाथ पर सोकर गुजारे। भूख लगने पर लोगों से मांग कर खाना खाया। इंदौर में एक व्यक्ति को उस पर दया आ गई। उसने पूछा तो सारा घटनाक्रम बता दिया। जिस पर उसने पाली पहुंचाने की उसके लिए व्यवस्था की। जिससे वह वापस घर पहुंच सका। पुलिस ने बताया कि युवक कुछ विमंदित है। उसे उसके भाई जसवंत कुमार को सौंपा।
अपशब्दों के लिए टोकना पड़ गया महंगा
पीडि़त पूनाराम दमामी ने बताया कि रविप्रकाश व उसके पिता मीठालाल में आए दिन कहासुनी होती थी। रवि आवेश में आकर अपशब्दों का उपयोग करता था। जो हमारे घर तक सुनाई देते थे। इसको लेकर उन्हें टोका तो उल्टे परिवार के 12 सदस्यों के खिलाफ घर में घुसकर मारपीट, अपहरण व हत्या का मामला दर्ज करा दिया। इस मुकदमे से इन सात माह में काफी मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि, पीडि़त की ओर से भी घर में घुसकर मारपीट व लज्जा भंग का मामला दर्ज करवाया गया था, लेकिन पुलिस ने उस मामले में कुछ नहीं किया।

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