सुमेरपुर शहर में सरसों तेल की दर्जनों मिले हैं। इसके अलावा पड़ोस के शिवगंज में भी सरसों तेल मिलें हैं। सुमेरपुर क्षेत्र में रायडा दो प्रकार का पैदा होता है। अच्छी श्रेणी का रायडे को सरसों-24 प्रतिशत कहा जाता है। इस श्रेणी के रायडे से भरपूर तेल निकलता है। दूसरा साधारण रायड़ा कहते हैं, जिससे अपेक्षाकृत कम तेल निकलता है। यहां उत्पादित होने वाले रायडे की खरीद तेल मिल मालिक काश्तकारों से सीधे तौर पर भी करते हैं। मण्डी में नीलाम होने वाले रायडे की बिक्री आढ़तियों के माध्यम से दूसरे प्रदेशों में भेजा जाता है।
सुमेरपुर स्थित महाराजा उम्मेदसिंह कृषि उपज मण्डी में दिसंबर 2020 को साधारण रायडे की कीमत 5 हजार से 55 सौ रुपए प्रति क्विंटल रही। माल की आवक नहीं होने से फरवरी 2021 में यह भाव बढकऱ 56 सौ से 59 सौ रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए। जबकि सरसों-42 प्रतिशत की कीमत 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल रही। इस स्थिति में माल की आवक नहीं होने से सरसों तेल की कीमत भी आसमान छूने लगी। मण्डी में आवक शुरू होते ही 4 मार्च को रायडा 45 सौ से 49 सौ रुपए प्रति क्विंटल पर बिका। इससे सरसों के भाव भी नीचे गिर गए।
सुमेरपुर कृषि मण्डी स्थित कृषि मण्डी समिति के नीलामीकर्ता जेठाराम भाटी ने बताया कि गुरुवार को रायडा की नीलामी 45 सौ से 49 सौ रुपए प्रति क्विंटल पर रही। इसी प्रकार तारामीरा 4185 से 4211, चना 4625 से 4729, अरण्डी 4152 से 4357 और मूंग के भाव 6110 रुपए से 6365 रुपए प्रति क्विंटल दर्ज किए गए। इन दिनों कपास की आवक थम गई है। इस प्रकार सुमेरपुर मण्डी में पिछले दस दिन में 9 हजार 997 बोरी रायडे की आवक हुई हैं। जबकि अन्य जिंस की आवक मात्र 1846 बोरी ही हो सकी।