शहर का पौराणिक और प्राचीन मंदिर होने के कारण यहां भक्तों की असीम आस्था जुड़ी हुई है। खासतौर से नवरात्र में नौ दिन तक मां नागणेची के दर्शनों के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है। धानमंडी परिसर महाराणा प्रताप की जन्म स्थाली भी माना जाता है। इस लिहाज से धानमंडी परिसर की महत्ता और बढ़ गई। लोग यहां मां नागणेची के दर्शनों के साथ-साथ महाराज प्रताप स्मारक भी निहारने आते हैं। भक्त मूलचंद राठौड़ बताते हैं कि नागणेची मंदिर शहर के प्रचीन मंदिरों में से एक है।
जसोल भटियाणी और पाबूजी के दर्शन करने आते हैं भक्तगण
धानमंडी परसिर में जसोल की मां भटियाणी मंदिर भी आस्था का केन्द्र है। यहां लोकदेव पाबूजी राठौड़ और काला-भैरू के दर्शनों के लिए भी भक्तगण बड़ी संख्या में आते हैं।
धानमंडी परसिर में जसोल की मां भटियाणी मंदिर भी आस्था का केन्द्र है। यहां लोकदेव पाबूजी राठौड़ और काला-भैरू के दर्शनों के लिए भी भक्तगण बड़ी संख्या में आते हैं।