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गांव में जान सकेंगे खेती की नई तकनीक, दस्तावेज के लिए नहीं होगा भटकना

locationपालीPublished: Aug 22, 2019 11:22:59 am

Submitted by:

rajendra denok

– जिले मे 89 भवन बनकर तैयार, 13 भवनों का काम चल रहा है – जमीन आवंटन नहीं होने से 49 किसान सेवा केन्द्र सह विलेज नॉलेज सेन्टरों का काम शुरू नहीं हुआ

गांव में जान सकेंगे खेती की नई तकनीक, दस्तावेज के लिए नहीं होगा भटकना

गांव में जान सकेंगे खेती की नई तकनीक, दस्तावेज के लिए नहीं होगा भटकना


पाली। नाबार्ड योजना के तहत ग्राम पंचायत व पंचायत समिति मुख्यालय पर 9 करोड़ 23 लाख रुपए की लागत से 102 किसान सेवा केन्द्र सह विलेज नॉलेज सेन्टर बनाए जाएंगे। इनमें में से 89 किसान सेवा केन्द्र भवन बनकर तैयार हो गए हैं। जबकि 13 भवनों का काम चल रहा है। इनसे किसानों को कृषि सम्बंधी जानकारी मिल सकेगी। इन भवनों में कृषि पर्यवेक्षक व कृषि अधिकारी भी बैठेंगे। इन कन्द्रों पर सभी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कृषि आयुक्त विकास भाले ने सभी जिलों में आदेश जारी कर किसान भवनों को सुसज्जित करने को कहा है। पंचायत समिति स्तर पर कृषि विभाग की ओर से किसान सेवा केन्द्रों पर करीब 1 लाख रुपए तथा ग्राम पंचायत स्तर पर 50-50 हजार रुपए खर्च किए जाएंगे।
यह होगी सुविधा :

ग्राम पंचायत स्तर के भवनों के लिए बिजली व पानी का कनेक्शन, 2 टेबल, 4 ऑफिस चेयर, 5 प्लास्टिक चेयर, एक स्टील की अलमारी सहित सभी आवश्यक सामग्री व फर्नीचर होगा। इसी तरह से पंचायत समिति स्तर पर बिजली व पानी कनेक्शन के अलावा, 4 टेबल, 5 ऑफिस चेयर, विजिट चेयर, 11 प्लास्टिक कुर्सी, 2 स्टील की अलमारी, 2 व्हाइट बोर्ड, एक डिस्पले, कम्प्यूटर सामग्री सहित सुविधा दी जाएगी।
दो कमरे व एक हॉल होगा किसान सेवा केन्द्र में
किसान सेवा केन्द्र सह विलेज नॉलेज सेन्टर में दो कमरे व एक हॉल होगा। जिसमें एक कमरे में कृषि पर्यवेक्षक व एक कमरे में पटवारी बैठेगा। हॉल में किसानों की मीटिंग हो सकेगी। हॉल में किसानों को प्रशिक्षण व कृषि सम्बंधी जानकारी दे सकेंगे। पटवारी व कृषि पर्यवेक्षक एक ही स्थान पर बैठने से किसानों को काम-काज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।
49 भवनों के लिए जमीन ही नहीं मिली

जिले में 49 किसान सेवा केन्द्र सह विलेज नॉलेज सेन्टर के लिए पंचायत मुख्यालय पर जमीन आवंटन नहीं होने से काम ही शुरू नहीं हो पाया है। जमीन के अभाव में 49 किसान सेवा केन्द्रों का बजट लेप्स हो गया।

किसान सेवा केन्द्र सह विलेज नॉलेज सेन्टर बनने से किसानों को खेती की जानकारी लेने के लिए भटकना नहीं पडेग़ा। कृषि पर्यवेक्षक कार्यालय में बैठेगा।
डॉ. मनोज अग्रवाल, सहायक निदेशक कृषि विभाग पाली

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