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बुजुर्गो को चश्मे से लेकर व्हील चेयर तक मिलेगी

locationपालीPublished: Aug 09, 2018 08:19:58 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

-राष्ट्रीय व्योश्री योजना-60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों को मिलेगा लाभ

Government scheme in rajasthan

बुजुर्गो को चश्मे से लेकर व्हील चेयर तक मिलेगी

निमाज,(पाली)। सरकार प्रदेश में व्योश्री योजना से 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों की नैया पार लगाने की तैयारी कर रही है। इस योजना के तहत बुजुर्गों को बढ़ती उम्र की चार प्रकार की दुर्बलता के लिए आठ तरह के उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे। जिसमें कमजोर नजर वाले बुजुर्गों के लिए चश्मा, कम सुनाई देने वाले व्यक्तियों को श्रवण यंत्र, दातों की कमी वाले लोगों को कृत्रिम जबड़ाध्दांत तथा चलने फिरने में दुर्बलता वाले लोगों को छड़ी वॉकर, कोहनी वेसाखी एवं व्हील चेयर इस योजना के तहत उपलब्ध कराए जाऐंगे। सरकार राष्ट्रीय व्योश्री योजना के तहत बुजुर्गों को यह सुविधाएं देगी। जिससे वे अपनी जीवनचर्या बिना किसी परेशानी के साथ पूरी कर चुकेंगे।
शिविरों में होगी जांच
शिविरों में एक विशेषज्ञ टीम द्वारा उनके दस्तावेज देखे जाएंगे और इनकी आंखए कान ए दांतों की कमी और चलने.फिरने की दुर्बलता आदि की जांच की जाएगी और यह तय किया जाएगा कि वृद्ध जनों को कौन से उपकरण की आवश्यकता हैं।
यहाँ लगेंगे चिन्हीकरण शिविर
सामाजिक सुरक्षा अधिकारी अंजू राठौड़ ने बताया कि 11 अगस्त को पंचायत समिति जैतारण, 13 को पंचायत समिति सोजत, 14 को पंचायत समिति देसुरी,16 को पंचायत समिति बाली 17 को पंचायत समिति मारवाड़ जंक्शन, 18 को पंचायत समिति रोहट व 20 अगस्त को पंचायत समिति पाली में चिन्हीकरण शिविर आयोजित होंगे।
पुनीत कार्य में आगे आये
11 अगस्त को पंचायत समिति जैतारण में चिन्हीकरण शिविर आयोजित होगा। राष्ट्रीय वयोश्री योजना के अंतर्गत लगने वाले चिन्हीकरण शिविर स्थल पर अपने क्षेत्र के वृद्धजनों को लाकर पुनीत कार्य में अपनी भागीदारी निभानी चाहिए। योग्य को उपकरण चिन्हीकरण के बाद आगामी सिंतबर माह में द्वितीय स्तर के अंग उपकरण वितरण शिविर में निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे । -अंजू राठौड़, सामाजिक सुरक्षा अधिकारी, जैतारण।
‘निर्मल हृदय में ही परमात्मा का निवास’

गुन्दोज। खौड़ गांव में प्रवचन के दौरान श्रुतानन्द विजय ने चातुर्मास को मंगलकाल बताते हुए उसका महत्व बताया। उन्होंने कहा कि चातुर्मास में आसमान से तो पानी बरसता है, लेकिन गुरु मुख से परमात्मा वाणी रूपी ज्ञान मिलता है। आसमान से बरसने वाले पानी से शरीर की मैल धुलती है, जबकि गुरु मुख से निकलने वाली वाणी से आत्मा को साफ हो जाती है। मुनि ने कहा है कि प्रवचन रूपी प्रसाद पाने के लिए पहले मन रूपी पात्र को साफ करना होगा। जब तक मन रूपी पात्र से काषायों का कचरा, विषय, वासनाओ का मैल और राग द्वेष का मैल नहीं निकल जाता है। जब तक परमात्मा वाणी का अमूल्य प्रसाद उसमें नहीं डाला जा सकता है। इस मौके पर मुकेश सीरवी, भूपेंद्र सिंह मेड़तिया, चंपालाल सुथार, जयचन्द मेहता, दीक्षित जैन, मदनराज मेहता आदि उपस्थित थे।
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