कपड़ा मंत्रालय की पीएससी कमेटी की मंगलवार को हुई बैठक में पाली की योजना पर सैद्धांतिक सहमती जारी की गई। मजे की बात यह भी रही कि पीएसी के समक्ष देशभर से कुल 16 प्रस्ताव आए हुए थे, उसमें से महज पाली को ही हरी झंडी मिली। सीइटीपी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनिल गुलेच्छा और राजस्थान टेक्सटाइल हैंड प्रोसेस अध्यक्ष विनय बंब ने बैठक में हिस्सा लेकर पाली का पक्ष रखा।
इसलिए निरस्त हुई थी योजना केन्द्र सरकार ने दिसम्बर 2015 में ही आइपीडीएस योजना के तहत पाली के ट्रीटमेंट प्लांट संख्या छह को अपग्रेड करने के लिए सौ करोड़ की योजना को स्वीकृति दी थी। इसमें 25 करोड़ रुपए कपड़ा इंडस्ट्री को वहन करना था, जबकि 50 करोड़ केन्द्र व 25 करोड़ रुपए राज्य सरकार द्वारा मुहैया करवाए जाने थे। मार्च 2016 में केन्द्र सरकार ने पहली किश्त के रूप में साढ़े सात करोड़ रुपए का सीइटीपी को भुगतान कर दिया। नियमों के तहत 15 करोड़ रुपए कपड़ा उद्योग की ओर से भी जुटाए गए। यह राशि बैंक में जमा कराई गई। सीइटीपी ने जेएलडी के लिए टेंडर जारी किए, लेकिन काम शुरू करने से पहले ही कदम वापस खींच लिए। सीइटीपी ने एनजीटी के एक आदेश का हवाला दिया जिसमें टर्सरी पानी नदी में छोडऩे की बात कही गई थी। हालांकि, एनजीटी और प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने बाद में जेडएलडी की अनिवार्यता के आदेश कई बार दिए। प्लांट अपग्रेड नहीं हुआ तो केन्द्र ने योजना को निरस्त कर दिया।
18 महीने में प्लांट अपग्रेड का कमिटमेंट सीइटीपी ने कपड़ा मंत्रालय के समक्ष अगले 18 माह में प्लांट संख्या 6 को अपग्रेड करने का कमिटमेंट किया है। हालांकि, एनजीटी में भी सीइटीपी की ओर से करीब आठ माह पूर्व 18 महीनों में जेडएलडी शुरू करने का शपथ पत्र दिया हुआ है। सीइटीपी पदाधिकारी बताते हैं कि करीब एक साल के भीतर प्लांट के अपग्रेडेशन का काम संभवत: पूरा कर लिया जाएगा।
पोल्टीकल इंजीनियरिंग का नजारा, सांसद ने भी दिखाई रुची सीइटीपी फाउंडेशन ने इस बार जेडएलडी योजना स्वीकृत कराने के लिए पोल्टीकल इंजीनियरिंग दिखाई। राज्य सरकार से सहयोग के लिए कांग्रेस विचारधारा के उद्यमियों को आगे किया तो केन्द्र से जुड़े काम कराने के लिए भाजपा विचारधारा के उद्यमियों का उपयोग लिया किया। कपड़ा मंत्रालय से आइपीडीएस योजना को स्वीकृति दिलाने में स्थानीय सांसद पीपी चौधरी ने भी खासी रुची दिखाई। सांसद ने कपड़ा मंत्री और मंत्रालय अधिकारियों से नियमित फॉलोअप किया। सीइटीपी फाउंडेशन अध्यक्ष अनिल गुलेच्छा और आरटीएचपी अध्यक्ष विनय बंब की अगुवाई में 9 अक्टूबर को जोधपुर में सीइटीपी पदाधिकारियों ने सांसद चौधरी से मुलाकात कर जेडएलडी योजना को स्वीकृत कराने के लिए सहयोग मांगा। 10 अक्टूबर को सीइटीपी पदाधिकारी जयपुर में प्रदूषण नियंत्रण मंडल चेयरमैन व मुख्यमंत्री सचिव से मिले और कपड़ा मंत्रालय को राज्य सरकार की तरफ से पत्र भिजवाने का अनुरोध किया। गुलेच्छा व बंब यहां से दिल्ली भी गए। उन्होंने पीएसी की मीटिंग को लेकर सांसद व अन्य पदाधिकारियों से मुलाकात की।
प्रदूषण की समस्या का स्थायी समाधान
केन्द्र सरकार ने पाली में जेडएलडी के लिए सौ करोड़ रुपए की योजना को दोबारा स्वीकृत किया है। इसके लिए लम्बे समय से प्रयासरत था। अब प्रदूषण की समस्या का स्थायी समाधान होगा। प्रधानमंत्री और कपड़ा मंत्री का आभार व्यक्त करता हूं।
पीपी चौधरी, सांसद जल्द ही कार्रवाई शुरू करेंगे कपड़ा उद्योग के लिए यह बड़ी राहत है। प्रदूषण की समस्या का समाधान होगा। जेडएलडी के लिए जल्द ही कार्रवाई शुरू करेंगे। टेंडर डाक्यूमेंट तैयार है। हम भी चाहते हैं कि जल्दी से जल्दी काम शुरू हो।
अनिल गुलेच्छा, अध्यक्ष, सीइटीपी फाउंडेशन मिलेगी राहत आइपीडीएस योजना के तहत आर्थिक सहायता के लिए लम्बे समय से प्रयास कर रहे थे। अब सफलता मिली है। इससे काफी हद तक कपड़ा उद्योग को राहत मिलेगी।
अनिल मेहता, पूर्व अध्यक्ष सीइटीपी