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अब कंपनी एक्ट के तहत होगा ट्रीटमेंट प्लांटों का संचालन

locationपालीPublished: Aug 10, 2018 10:23:21 am

Submitted by:

Suresh Hemnani

-कंपनी एक्ट 2013 के तहत रजिस्टर्ड हुआ सीइटीपी ट्रस्ट-कंपनी नियमों के तहत होगा कार्य

Textile industry in pali

अब कंपनी एक्ट के तहत होगा ट्रीटमेंट प्लांटों का संचालन

पाली। कपड़ा फैक्ट्रियों का पानी ट्रीट कर रहा सीइटीपी ट्रस्ट अब एसपीवी
(स्पेशल परपज व्हीकल) कंपनी के रूप में काम करेगा। इसे कंपनी एक्ट के तहत
रजिस्टर्ड कराया गया है। प्लांटों का संचालन अब कंपनी एक्ट के
नियम-कायदों से होगा। प्रबंधकीय कार्यकारिणी के चुनाव भी नए सिरे से
होंगे।
वर्तमान में सीइटीपी देवस्थान विभाग में रजिस्टर्ड है। अब इसे कंपनी एक्ट
2013 के तहत पंजीकृत कराया गया है। हालांकि, रजिस्टे्रशन की प्रक्रिया
पिछले साल ही पूरी कर दी गई थी। लेकिन प्लांटों का संचालन अब तक ट्रस्ट
के अधीन ही चल रहा था। अब एसपीवी कंपनी राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
के नियमों के तहत कार्य करेगी। कंपनी की वार्षिक मीटिंग में निर्णय लिए
जाएंगे।

जवाबदेह होंगे सदस्य
ट्रीटमेंट प्लांटों को आरपीसीबी की गाइड लाइन के तहत संचालित किया जाएगा।
इसके लिए सभी फैक्ट्री मालिकों से जवाबदेही के लिए स्टांप पेपर पर शर्तें
लिखवाई गई है। जिससेभविष्य में किसी तरह की गड़बड़ी करते पाए जाने पर
उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जा सके। इस कम्पनी के सदस्य भी
जवाबदेह होंगे।

सेसकर चुकाने वालों को छूट

अभी तक यह बताया जा रहा है कि नगर परिषद को सेसकर चुकाने वाले उद्यमियों
को अगले बीस दिन के लिए वाटर ट्रीटमेंट चार्ज जमा कराने की छूट दी गई है।
इसके बाद लगभग 1 सितम्बर से प्रति इकाई से केएलडी चार्ज वसूलना शुरू कर
दिया जाएगा।

कंपनी संभालेगी प्लांटों का संचालन

अब ट्रस्ट की बजाय कंपनी करेगी। इसके नियम-कायदे और
प्रक्रिया ट्रस्ट से अलग होगी। कार्यकारिणी के चुनाव भी इसी माह कराने की
तैयारी है। हमारा उद्देश्य है कि कपड़ा उद्योग को अब व्यवस्थित रूप से
ऊंचाइयां दें। -अनिल मेहता, अध्यक्ष, सीइटीपी

पूनायता औद्योगिक क्षेत्र शुरू करने की जयपुर में उठी मांग, प्रदूषण
नियंत्रण मंडल अध्यक्ष से मिले उद्यमी


-उद्यमियों ने कहा, खामियां सुधार दी
-उद्योग बंद होने से श्रमिक हो गए बेरोजगार
पाली। करीब पखवाड़े से बंद पूनायता औद्योगिक क्षेत्र की फैक्ट्रियों को
फिर से शुरू करने की मांग जोर पकड़ रही है। श्रमिकों के बाद अब उद्यमियों
ने जयपुर में प्रदूषण नियंत्रण मंडल की अध्यक्ष अपर्णा अरोड़ा से मुलाकात
कर इकाइयों को चलाने की स्वीकृति मांगी।
सीइटीपी अध्यक्ष अनिल मेहता की अगुवाई में गुरुवार को एक प्रतिनिधिमंडल
मंडल अध्यक्ष अरोड़ा और सदस्य सचिव के अरुणा प्रसाद से मिला। उद्यमियों
ने अवगत कराया कि जिन कमियों का हवाला देते हुए इकाइयों और प्लांट संख्या
चार को बंद करने के आदेश दिए गए हैं, उन्हें सुधार कर लिया गया है।
प्रतिनिधिमंडल ने स्लज के निस्तारण, प्लांट चार की दीवार ऊंची करवाने
समेत विभिन्न सुधारों की एक लिखित रिपोर्ट मंडल अधिकारियों को सौंपी।
उन्होंने यह भी कहा कि इकाइयां बंद होने से उद्यमियों को बड़ा आर्थिक
नुकसान झेलना पड़ रहा है। श्रमिक बेरोजगार हो गए हैं। उन्होंने आश्वस्त
किया कि ट्रस्ट और इकाइयां बोर्ड के नियमों के तहत संचालित हो रही है।
भविष्य में भी नियमों के तहत उद्योग संचालित करने का विश्वास दिलाया। इस
दौरान सुनील गुप्ता, विनय बम्ब, नवीन मेहता, विमल सालेचा, रवि मोहन
भूतड़ा, राकेश अखावत, सूर्य प्रकाश चौपड़ा, धनराज दैय्या, प्रकाशचंद
लसोड़, सुनील गुप्ता समेत कई उद्यमी मौजूद रहे।

श्रमिक संगठनों ने सौंपा ज्ञापन
पूनायता औद्योगिक क्षेत्र की इकाइयां शुरू करने की मांग को लेकर कई
श्रमिक संगठनों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन दिया।
भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध पाली जिला वस्त्र मजदूर संघ अध्यक्ष
रामनाथसिंह व महामंत्री विरमदेव गहलोत की अगुवाई में दिए ज्ञापन में लिखा
है कि श्रमिक बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं। बार-बार उद्योगों के बंद
होने से श्रमिक और उद्यमी अन्य शहरों में पलायन कर रहे हैं। अवैध धुलाई
प्लांट चलाने वालों और चोरी-छिपे नदी-नालों में रंगीन पानी छोडऩे वालों
के कारण पूरी इण्डस्ट्री बदनाम हो रही है। उन्होंने ऐसे लोगों के खिलाफ
कार्रवाई की मांग की। साथ ही पूनायता क्षेत्र की इकाइयां जल्द शुरू करने
की मांग उठाई।

सत्यापन के बाद होगा निर्णय
कपड़ा उद्यमियों की रिपोर्ट के बाद मंडल अध्यक्ष अरोड़ा ने सुधारों का
भौतिक सत्यापन कराने को कहा है। इसके लिए एक-दो दिन में मंडल अधिकारियों
की टीम पाली पहुंचेगी। सत्यापन के बाद पूनायता औद्योगिक क्षेत्र को बंद
रखने या शुरू करने पर फैसला लिया जाएगा।

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