अगले साल रेलवे की यह सुविधा बढ़ा देगी आपकी रफ्तार... पढ़े यह खबर...
- रेल विकास निगम लिमिटेड ने संभाली रेलवे के ‘मिशन विद्युतीकरण’ कार्य की कमान- आठ रेल खंडों में युद्धस्तर पर चल रहा काम, 2019 में होगा पूरा

पाली.
उत्तर-पश्चिम रेलवे के सबसे महत्वपूर्ण अहमदाबाद-दिल्ली मार्ग पर वर्ष 2019 से बिजली आधारित टे्रनें दौडऩा शुरू हो जाएगी। अभी इस रूट पर रेलवे के डीजल इंजन मालवाहक व यात्री ट्रेनों को ढो रहे हैं। ट्रेनें चलाने के लिए डीजल पर निर्भरता कम कर भारतीय रेलवे बिजली का अधिकतम उपयोग करना चाह रही है। इसलिए, इस रेल मार्ग पर आठ रेल खण्डों में ‘मिशन विद्युतीकरण’ शुरू किया गया है। इसका जिम्मा रेल विकास निगम लिमिटेड को दिया गया है। पूरे रेल मार्ग को विद्युतीकृत करने के लिए 2019 का लक्ष्य तय किया गया है। रेलवे अपनी ट्रेनें चलाने के लिए बिजली वितरण कम्पनियों से 132 केवी बिजली लेगा। जिसे सब स्टेशनों के सहारे 25 केवी में तब्दील कर ट्रेनों के इंजनों तक पहुंचाया जाएगा।
कहां-क्या होगा
आरवीएनएल जिन आठ स्थानों पर काम कर रहा हैं। उनमें रेवाड़ी-रींगस-फुलेरा के बीच लगभग 213 किमी लंबे रूट में से रेवाड़ी-रींगस के बीच काम पूरा किया जा चुका है। सीआरएस इंस्पेक्शन में इसे हरी झंडी दिखाई जा चुकी हैं। अब रींगस-फुलेरा रूट पर काम चल रहा है। अजमेर-उदयपुर के बीच 294 किमी लंबे रूट पर दिसंबर 2018 में काम पूरा होगा। अजमेर-रानी के बीच 201 किमी, दिल्ली सराय रोहिल्ला-रेवाड़ी के बीच 78 किमी, फुलेरा-मदार के बीच 185 किमी, मथुरा-अचनेरा और ईदगाह-भरतपुर के बीच 201 किमी तथा अलवर-जयपुर के बीच 283 लंबे रेल खंड में भी पटरियों के किनारे पोल लगाए जा चुके हैं। अब इस पर वायरिंग शेष हैं।
इसलिए अपना रहे बिजली
डीजल के आयात पर विदेशी मुद्रा खर्च करनी पड़ रही है, जबकि इस वक्त देश में बिजली सरप्लस है। बिजली के उपयोग से प्रदूषण भी कम होगा। रेलवे ने इंजन में भी थ्री फेज तकनीक का उपयोग शुरू किया गया है। इसका फायदा यह है कि जब भी ट्रेन में ब्रेक लगता है तो उससे उर्जा उत्पन्न होकर वापस लाइनों में चली जाती है, जिसका अन्य ट्रेनों को चलाने में उपयोग किया जा सकता है। इस वक्त रेलवे के पास 5400 बिजली के इंजन हैं, उनमें से एक हजार थ्री फेज वाले हैं। थ्री फेज इंजन के इस्तेमाल से सिर्फ ब्रेक लगाने से उर्जा उत्पन्न होने से रेलवे को 300 मेगावाट बिजली की बचत होगी।
यह भी मिलेगा फायदा
दिल्ली-अहमदाबाद वाया जयपुर ? और अजमेर रेल खण्ड की कुल लम्बाई 866 किलोमीटर है। अभी दिल्ली से अहमदाबाद पहुंचने में टे्रनें करीब 17 घंटे ले रही हैं। विद्युतीकरण के बाद यह अंतराल करीब 14 घंटे रह जाएगा। प्रतिदिन इस रूट पर 8 से 10 लाख यात्री सफर करते हैं।
अभी पोल-वायरिंग पर जोर
अभी आठ रेल खंडों में विद्युतीकरण किया जा रहा है। इसके लिए 2019 तक की डेडलाइन है। सभी रेल खंडों में अभी खंभे स्थापित करने और वायरिंग का काम चल रहा है। सब स्टेशनों के लिए भी जगह देखी जा चुकी है।
- महेश शर्मा, पीआरओ, रेल विकास निगम लिमिटेड, जयपुर
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