scriptVIDEO : डेंगू-वायरल : कोरोना के बाद बुरे हाल, अस्पताल में बेड नहीं | No beds in hospital due to dengue-viral in Bangar Hospital in Pali | Patrika News

VIDEO : डेंगू-वायरल : कोरोना के बाद बुरे हाल, अस्पताल में बेड नहीं

locationपालीPublished: Oct 19, 2021 04:56:48 pm

Submitted by:

Suresh Hemnani

– पाली के बांगड़ अस्पताल में एक पलंग पर दो से तीन बच्चों का उपचार, रोजाना दो हजार मरीजों की ओपीडी

VIDEO : डेंगू-वायरल : कोरोना के बाद बुरे हाल, अस्पताल में बेड नहीं

VIDEO : डेंगू-वायरल : कोरोना के बाद बुरे हाल, अस्पताल में बेड नहीं

पाली। पाली में मौसमी बीमारियां, वायरल बुखार, डेंगू, मलेरिया से हालात विकट हो गए है। जिले के सबसे बड़े बांगड़ मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बुरे हाल है। रोजाना दो हजार मरीज सामने आ रहे हैं, अस्पताल में मरीजों की कतारें लगी हुई। बच्चा वार्ड में एक पलंग पर दो से तीन बच्चों का उपचार किया जा रहा है।
अस्पताल में बच्चों के लिए बेड खाली नहीं है। कोरोना की दूसरी लहर के बाद ये सबसे बुरे हालात सामने आ रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में हालात खराब हैं। हर गली- मोहल्ले में डेंगू, मलेरिया अथवा वायरल से पीडि़त रोगी मिल रहे हैं। कुछ तो सरकारी चिकित्सालयों में आकर जांच और इलाज करा रहे हैं, लेकिन ऐसे मरीज काफी तादात में हैं जो अपने स्तर पर मेडिकल स्टोर से दवा लेकर काम चला रहे हैं। प्रशासन व चिकित्सा विभाग की ओर से जिले में कहीं भी घर घर सर्वे की शुरुआत नहीं की गई है।
आउटडोर दो हजार पार, 70 डेंगू पीडि़त
पाली के बांगड़ अस्पताल के आउटडोर का आकड़ा दो हजार के पार पहुंच गया है। सर्दी, खांसी व जुकाम के मरीज बढ़े हैं। इस सीजन में 70 डेंगू पीडि़त सामने आए हैं। अक्टूबर माह में 45 मरीज सामने आए है। अस्पताल में लगी मरीजों की कतार मुख्य द्वार से बाहर तक पहुंच रही है। आउटडोर में करीब सात सौ से आठ सौ मरीजों की संख्या का इजाफा हुआ है।
पलंग खाली नहीं, बच्चों पर कहर
बांगड़ अस्पताल में शिशु वार्ड में बच्चों को भर्ती करने की जगह नहीं है। इस समय पचास से अधिक बच्चें भर्ती है। हर पलंग पर दो से तीन बच्चों का उपचार चल रहा है। आउटडोर में परिजन अपने बच्चों को लेकर पहुंच रहे हैं। चार से पांच घंटे इंतजार के बाद चिकित्सक को दिखा पा रहे हैं। अस्पताल में व्यवस्थाएं पूरी नहीं होने से लोग खासे परेशान है।
एडीज मच्छर से फैलता है डेंगू
डेंगू फैलाने वाले एडीज मच्छर साफ जमा पानी में तेजी से पनपते हैं। कूलर का पानी समय समय पर बदलते रहना चाहिए। बारिश के बाद का मौसम इन मच्छरों के प्रसार की प्रमुख वजह होता है। एडीज मच्छर खुले और साफ पानी में 16 डिग्री सेल्सियस के आसपास तापमान में ये अंडे देते हैं। इसके साथ ही डेंगू के मच्छर लिफ्ट और दूसरे साधनों से किसी भी ऊंचाई तक पहुंच सकते हैं।
डेंगू में उभरते है यह लक्षण, रहे सावधान
डेंगू में आम फ्लू जैसे लक्षण उभरते हैं। ये लक्षण 2 से 7 दिन तक रह सकते हैं। डेंगू मच्छर के काटने पर 4 से 10 दिन में बीमारी पूरी तरह फैल जाती है। शुरुआत में सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मिचली आना, उल्टी, हड्डियों या मांसपेशी में दर्द, चकत्ते जैसे लक्षण होते हैं। अगर सही से इलाज न मिला तो यही सामान्य डेंगू गंभीर बन जाता है। इसमें पेट दर्द, खून की उल्टी, तेज सांस चलना, मसूड़ों से खून जैसी दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा डीएचएफ डेंगू रक्त स्रावी बुखार में मरीज के शरीर पर लाल चकत्ते, नाक, मसूड़ों और पेशाब में खून आना और हल्की खुजली हो सकती है। ऐसे में तुरंत डॉक्टरी सलाह लेकर अस्पताल ले जाने में देर नहीं करनी चाहिए।
प्लेट्स गिरे तो रहे सतर्क
खून की सीबीसी जांच करवाए, इसमें प्लेट्स तीस हजार से नीचे आ जाए तो चिकित्सक से तुरंत सम्पर्क करे।
डेंगू का पता लगाने के लिए सबसे विश्वसनीय जांच एलाइजा टेस्ट है। वहीं एलाइजा में भी दो तरह के टेस्ट होते हैं, आईजीएम और आईजीजी। डेंगू के लक्षण पता चलने के 3 से 5 दिन के अंदर आईजीएम टेस्ट करवा लेना चाहिए।
दो हजार से अधिक ओपीडी, बच्चे मरीज ज्यादा
यह सहीं है कि डेंगू, वायरल की वजह से अस्पताल में मरीजों की ओपीडी दो हजार से अधिक पहुंच गई। बच्चे मरीज ज्यादा आ रहे हैं। अस्पताल में सभी व्यवस्थाएं है। आमजन सतर्क रहे। – डॉ. रफीक कुरैशी, पीएमओ, बांगड़ मेडिकल अस्पताल, पाली।
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