170 रेमेडेसिविर आए और खत्म…घबराने की जरूरत नहीं
कोरोना के उपचार में लगाए जा रहे रेमेडेसिविर इंजेक्शन एक दिन पहले ही खत्म हो गए थे। बांगड़ चिकित्सालय में शनिवार को 170 रेमेडेसिविर इंजेक्शन आए। जबकि अस्पताल में 245 कोरोना मरीज भर्ती थे। ऐसे में ये इंजेक्शन ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुए और शाम तक सभी खत्म हो गए। चिकित्साधिकारियों की माने तो रेमेडेसिविर इंजेक्शन नहीं होने पर भी घबराने या खतरे की बात नहीं है। कोरोना का उपचार अन्य दवाओं से भी किया जा सकता है। सांस की तकलीफ होने पर ऑक्सीजन की जरूरत होती है और उसकी अस्पताल में अभी कोई कमी नहीं है। जिन बेडों पर ऑक्सीजन नहीं है। वहां सिलेण्डर से ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जा रही है।
कोरोना के उपचार में लगाए जा रहे रेमेडेसिविर इंजेक्शन एक दिन पहले ही खत्म हो गए थे। बांगड़ चिकित्सालय में शनिवार को 170 रेमेडेसिविर इंजेक्शन आए। जबकि अस्पताल में 245 कोरोना मरीज भर्ती थे। ऐसे में ये इंजेक्शन ऊंट के मुंह में जीरा साबित हुए और शाम तक सभी खत्म हो गए। चिकित्साधिकारियों की माने तो रेमेडेसिविर इंजेक्शन नहीं होने पर भी घबराने या खतरे की बात नहीं है। कोरोना का उपचार अन्य दवाओं से भी किया जा सकता है। सांस की तकलीफ होने पर ऑक्सीजन की जरूरत होती है और उसकी अस्पताल में अभी कोई कमी नहीं है। जिन बेडों पर ऑक्सीजन नहीं है। वहां सिलेण्डर से ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जा रही है।
कोरोना मीटर
2 लाख 19 हजार 375 सैम्पल की जांच अब तक
12 हजार 402 पॉजिटिव
11 हजार 455 जने हुए हैं ठीक
829 एक्टिव केस है अभी जिले में
125 जनों की अभी तक हो चुकी है मौत
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