किसानों को ऑनलाइन बीज मिलने पर उनको बीज विक्रेताओं की मनमानी से राहत मिलेगी। किसान को महज एक आधार कार्ड के आधार पर अधिकतम 10 किलो बीज 400 रुपए में दिया जाएगा। विशेषज्ञों की मानें तो पोर्टल की खास बात यह है कि गेहूं की इन दो किस्मों के बीज की बंपर मांग रहती है।
कृषि विशेषज्ञ के अनुसार गेहूं की दोनों किस्मे राजस्थान में कहीं पर भी उगाई जा सकती है। बीज का वितरण रिसर्च सेंटर पर मौजूद बीज उपलब्ध मात्रा पर निर्भर करेगा। करण वंदना किस्म पत्तों के झुलसने और इसके पौधे बीमार होने की अवस्था में भी गेहूं की अन्य बीमारियों से लडऩे की क्षमता रखता है। इसकी उपज महज 120 दिनों में ही तैयार हो जाती है। रिसर्च के अनुसार इस किस्म की प्रति हेक्टेयर उत्पादन क्षमता 64.70 क्विंटल मानी जाती है। साथ ही इससे आयरन की मात्रा ज्यादा होती है।
बाजार से खरीदा गया बीज कई बार किसानों को दगा दे जाता है। बुवाई के बाद बीज अंकुरित भी नहीं होता। किसानों के लाखों रुपए खर्च हो जाते हैं। सालभर की पूरी मेहनत बेकार चली जाती है। रिसर्च किया हुआ बीज मिलने से किसानों को फायदा होगा। किसान ठगी के शिकार भी नहीं होंगे।