याचिकाओं में कहा गया कि 27 अगस्त 2013 को 1148 पदों पर भर्ती निकाली गई, जिसकी 3 अपे्रल 2016 को परीक्षा हुई। पांच मई को अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड की ओर से परिणाम निकाला गया। याचिका में कहा गया कि परिणाम में हर वर्ग के महिला-पुरुष की कट ऑफ समान आई। भर्ती विज्ञापन में प्रावधान नहीं रखने के बावजूद ऋणात्मक मार्र्किंग की गई। उत्तरकुंजी जारी की गई।
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याचिकाओं पर प्रारम्भिक सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 9 अगस्त को नियुक्तियां देने पर रोक लगा दी थी। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता धर्मवीर ठोलिया ने कहा कि महिलाओं को दिए आरक्षण से काफी अधिक महिलाओं का चयन हुआ। इसके चलते दोनों की कट ऑफ समान आई। प्रश्नपत्र में ही ऋणात्मक मार्र्किंग करने की जानकारी दी गई थी, जबकि उत्तर कुंजी जारी करने का प्रावधान ही नहीं था।