वर्ष 2006 में एक कार्यवाही के दौरान एसीबी ने जैतारण क्रय विक्रय सहकारी समिति के कैशियर भभूताराम से 89 हजार 526 रुपए जब्त किए। भभूताराम इस पैसे का रोकड़ बही से हिसाब नहीं दिखा पाया था। एसीबी ने मामले में तत्कालीन व्यवस्थापक सीपी बोराणा और गोदाम कीपर मोहनलाल प्रजापत को भी दोषी मानकर मामला दर्ज कर लिया। यह राशि थर्ड पार्टी की थी, जिसे समिति ने बाद में वापस भी कर दी। ऐसे में समिति को दोहरा नुकसान हुआ। हाल ही में इस मामले की जांच के लिए गठित सहायक रजिस्ट्रार सुनीता राजोतिया की समिति ने यह पैसे एसीबी से वापस नहीं लेने पर अधिकारियों व समिति पर सवाल उठाए हैं। राजोतिया ने पैसे वापस नहीं लेने पर जैतारण समिति को हुई ब्याज व मूलधन की हानि के लिए दोषी कार्मिकों पर कार्यवाही की अनुशंषा की है।
2006 के बाद से पाली के सभी डीआर दोषी
जयपुर स्थित तत्कालीन रजिस्ट्रार ने इस मामले में बोराणा को निलंबित कर दिया जो बाद में जांच में 2009 में बरी हो गए। रजिस्ट्रार ने भभूताराम व मोहनलाल को भी निलंबित करने को कहा। वर्ष 2006 के इस आदेश की पालना 2010 में पाली के उप रजिस्ट्रार जेपी झोरवाल ने की। बावजूद इसके जैतारण क्रय विक्रय समिति ने नियम विरुद्ध अपीलीय कमेटी गठित कर दोनों कार्मिकों न केवल बहाल कर दिया वरन् वेतन वृद्धि जैसे परिलाभ भी दे दिए। राजोतिया ने दोनों को 14 साल से वेतन व अन्य परिलाभ देने वाले पाली के समस्त उप रजिस्ट्रार, जैतारण समिति के व्यवस्थापको पर कार्यवाही करने और उनसी वसूली करने को कहा है।
जयपुर स्थित तत्कालीन रजिस्ट्रार ने इस मामले में बोराणा को निलंबित कर दिया जो बाद में जांच में 2009 में बरी हो गए। रजिस्ट्रार ने भभूताराम व मोहनलाल को भी निलंबित करने को कहा। वर्ष 2006 के इस आदेश की पालना 2010 में पाली के उप रजिस्ट्रार जेपी झोरवाल ने की। बावजूद इसके जैतारण क्रय विक्रय समिति ने नियम विरुद्ध अपीलीय कमेटी गठित कर दोनों कार्मिकों न केवल बहाल कर दिया वरन् वेतन वृद्धि जैसे परिलाभ भी दे दिए। राजोतिया ने दोनों को 14 साल से वेतन व अन्य परिलाभ देने वाले पाली के समस्त उप रजिस्ट्रार, जैतारण समिति के व्यवस्थापको पर कार्यवाही करने और उनसी वसूली करने को कहा है।
एसीबी से अपनी राशि वापस लेंगे
‘हमने इस जांच रिपोर्ट को पाली उप रजिस्ट्रार के पास कार्यवाही के लिए भेज दिया है। वे ही एसीबी से अपनी राशि वापस लेंगे।’ –धनसिंह देवल, अतिरिक्त रजिस्ट्रार (सहकारी समितियां) जोधपुर
‘हमने इस जांच रिपोर्ट को पाली उप रजिस्ट्रार के पास कार्यवाही के लिए भेज दिया है। वे ही एसीबी से अपनी राशि वापस लेंगे।’ –धनसिंह देवल, अतिरिक्त रजिस्ट्रार (सहकारी समितियां) जोधपुर